Breaking News

एचडीएफसी बैंक और वित्तीय सेवा कंपनी लुलु एक्सचेंज में हुई साझेदारी

  • सीमा पार भुगतान को मजबूत करने के लिए एक समझौता पर हस्ताक्षर

  • साझेदारी भारत में दो संस्थाओं के बीच मौजूदा संबंधों को भी मजबूत करेगी

  • साझेदारी से एक-दूसरे की ताकत पर बढेगी

अबू धाबी/मुंबई। भारत के सबसे बड़े निजी क्षेत्र के बैंक – एचडीएफसी बैंक और संयुक्त अरब अमीरात स्थित वित्तीय सेवा कंपनी – लुलु एक्सचेंज ने भारत और खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) क्षेत्र के बीच सीमा पार भुगतान को मजबूत करने के लिए एक समझौता पर हस्ताक्षर किए हैं।

ये भी पढ़ें:कर्मचारी पेंशन योजना के तहत अधिक पेंशन के लिए EPFO ने आवेदन की प्रक्रिया शुरू की

अपने पहले चरण में, साझेदारी ‘रेमिटनाउ2इंडिया’ नामक एक डिजिटल इनवर्ड रेमिटेंस सेवा शुरू करने के लिए लुलु एक्सचेंज की विशेषज्ञता और नियामक ढांचे पर आधारित होगी, जो यूएई के निवासी व्यक्तियों को एचडीएफसी बैंक के डिजिटल बैंकिंग चैनल आईएमपीएस और एनईएफटी के माध्यम से भारत में किसी भी बैंक खाते में पैसा भेजने की अनुमति देगा।

साझेदारी भारत में दो संस्थाओं के बीच मौजूदा संबंधों को भी मजबूत करेगी, जहां लुलु फाइनेंशियल ग्रुप लुलु फॉरेक्स और एनबीएफसी डिवीजन लुलु फिनसर्व का संचालन करता है। साझेदारी पर बात करते हुए एचडीएफसी बैंक के ग्रुप हेड-रिटेल ब्रांच बैंकिंग अरविंद वोहरा ने कहा,“हमारी साझेदारी से एक-दूसरे की ताकत पर बढेगी।

एचडीएफसी बैंक संभवतः लुलु एक्सचेंज के कर्मचारियों, ग्राहकों और अन्य हितधारकों से भुगतान प्राप्त करने एवं लुलु एक्सचेंज जैसे एक विशाल नेटवर्क के साथ एक विश्वसनीय नाम का लाभ उठा सकता है। एक बैंक के रूप में, हम यूएई में लोगों को विशेष रूप से भारतीय समुदाय को देश में आसानी से और सहज तरीके से पैसा भेजने में मदद कर सकते हैं।”

लुलु फाइनेंशियल ग्रुप के एमडी अदीब अहमद ने कहा, “हम एचडीएफसी बैंक के साथ साझेदारी करके और उनके डिजिटल बैंकिंग समाधानों पर हमारे रेमिटेंस-एज-ए-सर्विस प्लेटफॉर्म को सक्षम करने के लिए खुश हैं।

यूएई-भारत भुगतान कॉरिडोर दुनिया में सबसे बड़ा है, और यह साझेदारी संयुक्त अरब अमीरात में रहने वाले हजारों भारतीय प्रवासियों के लिए धन हस्तांतरण को आसान बनाने के लिए मौजूदा क्षमताओं का निर्माण करेगी, जबकि जीसीसी के अन्य हिस्सों में इस सेवा के अंतिम एकीकरण की नींव स्थापित करेगी, जहां हमारी उपस्थिति है।”

ये भी पढ़ें:-टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज का छंटनी का इरादा नहीं, कर्मचारियों की करेगी भर्ती

About Sakshi Singh

Check Also

नितिन गडकरी ने रोपवे और केबल कार उपकरण बनाने का कारखाना लगाने के लिए ऑस्ट्रियाई कंपनियों को आमंत्रित किया

भारत में ऑस्ट्रिया गणराज्य की राजदूत कैथरीन वाइजर की अगुवाई में पहुंचे प्रतिनिधिमंडल प्रशंसा की …