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असम-मेघालय सीमा समझौते पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, हाई कोर्ट के फैसले पर लगाई रोक

  • सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर स्थगन आदेश जारी कर दिया

  • जल्द सुनावाई की मांग

  • 50 सालों से जारी है विवाद

(नेशनल डेस्क) सुप्रीम कोर्ट ने असम और मेघालय के सीमा समझौते को आगे बढ़ाने की इजाजत देते हुए MOU पर रोक लगाने के मेघालय हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाई दी.हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ असम व मेघालय सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं। शुक्रवार को शीर्ष कोर्ट ने असम व मेघालय की याचिका पर सुनवाई हुई। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मेघालय हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ स्टे जारी कर दिया। इसके साथ ही शीर्ष कोर्ट ने सभी संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किया। असम और मेघालय उनके बीच हुए समझौते के अनुसार सीमा विवाद हल करना चाहते हैं।

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिंहा और जबी पारदीवाला की बेंच ने सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलें सुनीं। जिसमें उन्होंने इस मामले पर जल्द सुनवाई करने की अपील की। तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि हाईकोर्ट की एक सिंगल और डिविजनल बेंच ने इस साल के शुरुआत में साइन किए गए इंटर-स्टेट बॉर्डर पैक्ट के ऑपरेशन पर स्टे लगा दिया है। इसपर देश के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि इस मामले की सुनवाई हम करेंगे और हमें याचिका की सभी प्रतियां उपलब्ध कराई जाएं।

सीजेआई ने एसजी से पूछा हाईकोर्ट में एमओयू को किसने चुनौती दी थी. एसजी ने कहा कि कुछ नागरिकों ने, जिस पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. एसजी ने कहा कि कोई सीमांकन नहीं किया गया है. बस एमओयू के तहत सब राजनीतिक फैसले लिए गए थे. याचिकाकर्ता की ओर से वकील ने कहा कि एमओयू संसद के अनुच्छेद 3 के अनुरूप नहीं है, जिसमें राज्यों की सीमा को लेकर प्रक्रिया और नियम हैं. ऐसे में एओयू पर हाईकोर्ट ने रोक लगाई.

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