श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद पर सुनवाई टली
18 जुलाई को होगी अगली सुनवाई
गर्भगृह तोड़कर कराया था ईदगाह का निर्माण
यूपी: मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद पर सोमवार को होने वाली सुनवाई टाल दी गई है। महेंद्र प्रताप सिंह ने अर्जी लगाई थी कि जन्मभूमि की 13.37 भूमि पर अतिक्रमण है। ईदगाह कमेटी को आपत्ति दाखिल करनी थी। बार एसोसिएशन ने जापान के पूर्व पीएम शिंजो आबे की हत्या के चलते शोक सभा रखी थी। इसलिए अब इस प्रकरण को 18 जुलाई को सुना जाएगा। उस दिन तय होगा कि 13.37 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण हटेगा या नहीं?
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बता दें कि इससे पहले 7 जुलाई को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनी थी। श्रीकृष्ण जन्मभूमि के पक्षकार अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने कहा था कि मुस्लिम पक्ष 7 रूल 11 सीपीसी के बहाने केस को लटका रहा है। पूर्व में श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद से संबंधित एक अन्य दावा अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री समेत कई कृष्ण भक्तों ने दाखिल किया था। उसके रिवीजन को स्वीकार करते हुए अदालत ने कहा था कि यहां प्लेसेस ऑफ वरशिप एक्ट और लिमिटेशन एक्ट लागू नहीं होता। इसलिए भक्त को भगवान की प्रॉपर्टी के लिए दावा दायर करने का अधिकार है।
मुस्लिम पक्ष ने सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत से अनुरोध किया कि हिंदू पक्ष की ऑब्जेक्शन की कॉपी उन्हें अभी मिली है। इसलिए उन्हें अपना जवाब दाखिल करने के लिए समय मिलना चाहिए। कोर्ट ने समय देते हुए सुनवाई की तारीख 11 जुलाई दी थी। हिंदू पक्ष का कहना था कि जल्द विवादित स्थल की वास्तविक स्थिति जानने के लिए वहां कोर्ट कमीशन भेजकर रिपोर्ट मगाई जाए। सभी दस्तावेज हिंदुओं के पक्ष में हैं और श्री कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट जमीन का असली मालिक हैं। भगवान श्रीकृष्ण के मूल गर्भगृह को तोड़कर औरंगजेब द्वारा अवैध रूप से यहां पर ईदगाह का निर्माण कराया गया था। मुस्लिम के पक्ष के पास कोई भी दस्तावेज नहीं है। मुगल काल से लेकर अब तक के सभी दस्तावेज यह साबित करते हैं कि यह जमीन हिंदू पक्ष की है।
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