पाकिस्तान में हिजबुल मुजाहिदीन के टॉप कमांडर की हत्या
कश्मीर में कई आतंकी घटनाओं को दिया था अंजाम
दुकान के सामने गोलियों से भून डाला
International Desk: हिजबुल मुजाहिदीन के संस्थापक सदस्य और टॉप कमांडर इम्तियाज आलम उर्फ बशीर अहमद पीर की सोमवार को पाकिस्तान के रावलपिंडी में गोली मारकर हत्या कर दी गई। पीर को जम्मू-कश्मीर में आतंक फैलाने का जिम्मेदार माना जाता रहा है कई आतंकी घटनाओं में उसका नाम सामने आया था।
केंद्र सरकार की ओर से पिछले साल 4 अक्टूबर को यूएपीए के तहत भी उसे आतंकवादी के रूप में नामित किया गया था। सूत्रों के मुताबिक पीर को उस समय गोली मारी गई जब वह नमाज पढ़ने के बाद रावलपिंडी में एक दुकान के सामने खड़ा था।
बशीर अहमद पीर को इम्तियाज आलम के नाम से भी जाना जाता था। उसकी हत्या के संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक वह रावलपिंडी में अपने घर के पास बनी मस्जिद में नमाज पढ़ने के लिए गया था। मस्जिद में नमाज पढ़ने के बाद वह लौटा और एक दुकान के सामने खड़ा था। इसी दौरान बाइक पर सवार होकर दो हमलावर आए और बशीर को गोलियों से भून डाला। बशीर की मौके पर ही मौत हो गई।
रावलपिंडी में बना रखा था ठिकाना
बशीर अहमद मूल रूप से जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के बाबरपोरा का रहने वाला था। पिछले कई सालों से बशीर अहमद ने रावलपिंडी को अपना ठिकाना बना रखा था। पाकिस्तान सरकार की ओर से उसे देश की नागरिकता भी दे दी गई थी। बशीर अहमद के जरिए आईएसआई जम्मू कश्मीर में आतंकी घटनाओं को बढ़ाने की साजिश में जुटी हुई थी।
आईएसआई की ओर से उसे जम्मू कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।मार्च 2007 में पाकिस्तानी सेना के सैन्य खुफिया निदेशालय की ओर से बशीर अहमद को हिरासत में ले लिया गया था। हालांकि बाद में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई उसकी मदद के लिए आगे आ गई और आईएसआई के कहने पर उसे रिहा कर दिया गया।
सूत्रों के मुताबिक बशीर अहमद इन दिनों जम्मू-कश्मीर में हिजबुल मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तैयबा के पूर्व आतंकियों को सक्रिय बनाने की कोशिश में जुटा हुआ था। वह इंटरनेट के जरिए कश्मीर के लोगों को भारत के खिलाफ भड़काने की कोशिश भी कर रहा था। कश्मीर में 23 मई 2019 को अलकायदा की शाखा अंसार उल गंजवत के मुख्य कमांडर जाकिर मूसा की हत्या में भी बशीर अहमद का नाम सामने आया था।
सुरक्षा बलों की ओर से शिकंजा कसे जाने के बाद वह पाकिस्तान में रहकर आतंकी घटनाओं को अंजाम देने की साजिश में जुटा हुआ था। भारत सरकार की ओर से उसे यूएपीए के तहत आतंकवादी घोषित किया गया था। केंद्र सरकार की ओर से इस बाबत अधिसूचना भी जारी की गई थी। अधिसूचना में कहा गया था कि इम्तियाज आलम उर्फ बशीर अहमद पीर हिजबुल मुजाहिदीन,लश्कर-ए-तैयबा और अन्य आतंकी संगठनों की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए पूर्व आतंकियों और अन्य कैडरों को एकजुट करने की कोशिश में शामिल था।