हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत
गिरफ्तारी से बच गए इमरान खान
जारी हुआ था गैर-जमानती वारंट
International Desk: . पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई के नेता इमरान खान मौजूदा सरकार के साथ टकराव को लेकर लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं। उनकी गिरफ्तारी को लेकर अटकलों का दौर जारी है। पाकिस्तान की सियासत पर नजर रखने वालों का कहना है कि खान पर जिस तरह मुकदमे कायम किए जा रहे हैं, ऐसी स्थिति में उनकी कभी भी गिरफ्तारी हो सकती है। इस बीच पूर्व प्रधानमंत्री को एक मामले में बड़ी राहत मिली है। बलूचिस्तान हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ जारी गैर-जमानती वारंट को निलंबित कर दिया है।
दरअसल, इमरान खान ने 8 मार्च को अपने संबोधन में शहबाज शरीफ सरकार पर जमकर प्रहार किए थे। जिसके बाद बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के खिलाफ आतंकवाद का मामला दर्ज कराया गया था। क्वेटा की एक निचली अदालत ने उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट भी जारी कर दिया। इमरान खान ने फौरन इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी, जहां इस वारंट को दो हफ्ते के लिए निरस्त कर दिया गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, क्वेटा से पुलिस की एक टीम इमरान खान को अरेस्ट करने लाहौर पहुंची थी। लेकिन उन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकी। हाईकोर्ट ने वारंट को निलंबित करते हुए बलूचिस्तान के पुलिस प्रमुख को नोटिस जारी किया है। इस मामले पर अगली सुनवाई अब दो हफ्ते बाद होगी।
इमरान खान जब से सत्ता से बेदखल हुए हैं, मुकदमे उनका पीछा नहीं छोड़ रहे हैं। हर हफ्ते उनपर किसी न किसी मामले को लेकर मुकदमा कायम जरूर होता है। पिछले दिनों भी एक ऐसा ही मामला देखने को मिला। बलूचिस्तान हाईकोर्ट से मिली राहत के कारण गिरफ्तारी से बचे इमरान खान पर अब हत्या का केस लाहौर पुलिस ने दर्ज किया है।
दरअसल, 8 मार्च को लाहौर में पीटीआई के समर्थकों और पुलिस के बीच भीषण झड़प हुई थी। इस झड़प में पीटीआई के एक समर्थक अली बिलाल की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए थे। इसमें करीब 11 पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे। अली बिलाल के मौत के मामले में पुलिस ने इमरान और उनकी पार्टी के 400 मेंबर्स पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। इसके अलावा करीब 100 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार भी किया है।
पूर्व मंत्री और पीटीआई नेता फवाद चौधरी ने लाहौर पुलिस के इस कदम पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने हमारे कार्यकर्ता की हत्या के आरोप में अपने साथियों पर एफआईआर दर्ज करने की बजाय इमरान और 400 कार्यकर्ताओं पर मर्डर का आरोप लगाया है। बता दें कि पिछले साल अप्रैल में इमरान खान सत्ता से बेदखल हुए थे। तब से लेकर अब तक उनके खिलाफ 80 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। उनकी करीबियों पर भी सख्त शिकंजा कसा जा रहा है।