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Vice President Oath: जगदीप धनखड़ बने देश के 14वें उपराष्ट्रपति, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई शपथ

  • उपराष्ट्रपति के रूप में जगदीप धनखड़ ने ली शपथ

  • जगदीप धनखड़ बने देश के 14वें उपराष्ट्रपति

नेशनल डेस्क: पश्चिम बंगाल के पूर्व गर्वनर और उपराष्ट्रपति पद के एनडीए उम्मीदवार जगदीप धनखड़ ने गुरूवार को देश के 14वें उपराष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली है। राष्ट्रपति भवन में उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें शपथ दिलाई।

बता दें कि निर्वतमान उपराष्ट्रपति वैंकया नायडू का कार्यकाल कल यानी 10 अगस्त को समाप्त हो गया था। धनखड़ छह अगस्त को विपक्ष के उम्मीदवार मार्गरेट आल्वा को हराकर उपराष्ट्रपति पद का चुनाव जीते थे।

धनखड़ को उपराष्ट्रपति चुनाव में मिली थी शानदार जीत

बता दें कि जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति चुनाव में 528 वोट मिले जबकि उनकी प्रतिद्वंदी विपक्षी उम्मीदवार मार्ग्रेट अल्वा को 182 वोट मिले थे। धनखड़ ने उपराष्ट्रपति चुनाव में कुल पड़े वैध मतों में से 72 फीसदी से ज्याद वोटों के साथ जीत हासिल की थी।

Vice President Jagdeep Dhankhar Swearing-in ceremony 14th Vice President of  the country will take oath at Rashtrapati Bhavan - India TV Hindi News

धनखड़ का सियासी सफर

नए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के राजनीतिक सफर की बात करें तो जनता दल के जमाने से राजनीति में हैं। वह साल 1989 में झुंझनुं से सांसद बने थे। वह 1989 से 1991 तक वीपी सिंह और चंद्रशेखर सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रहे थे। वह कांग्रेस में भी रह चुके हैं। 2003 में वह बीजेपी में शामिल हो गए। 30 जुलाई 2019 को उन्होंने बंगाल के 28वें राज्यपाल का पद संभाला था।

Jagdeep Dhankhar to take oath as 14th Vice President of India today | जगदीप  धनखड़ आज लेंगे 14वें उपराष्ट्रपति पद की शपथ, दोपहर 12:30 बजे राष्ट्रपति भवन  में होगा समारोह | Patrika News

जगदीप धनखड़ का करियर

देश के नए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का जन्म 18 मई 1951 को राजस्थान झुंझुनू जिले के किठाना गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम गोकल चंद और माता का नाम केसरी देवी है। उनकी शुरुआती पढ़ाई किठाना गांव में ही हुई है। उन्होंने गांव के ही प्राइमरी स्कूल में शिक्षा ली थी। इसके बाद रायपुर के महाराजा कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई की थी।

जगदीप धनखड़ ने देश के 14वें उप राष्ट्रपति के रूप में ली शपथ - Sunlight News

उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई भी की है। स्नातक के बाद उन्होंने देश की सबसे बड़ी सिविल सर्विसेज परीक्षा भी पास कर ली थी। हालांकि, आईएएस बनने की बजाय उन्होंने वकालत का पेशा चुना। उन्होंने अपनी वकालत की शुरुआत भी राजस्थान हाईकोर्ट से की थी। वे राजस्थान बार काउसिंल के चेयरमैन भी रहे थे।

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