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‘आतंकियों का स्थल’ माना जाने वाला जम्मू-कश्मीर अब ‘पर्यटकों का स्थल’ बन गया,सरकार ने कहा- अब आतंक का नहीं

  • जम्मू-कश्मीर अब ‘पर्यटकों का स्थल’ बन गया है

  • 2022 में 22 लाख सैलानियों ने केंद्रशासित प्रदेश का दौरा किया

  • जम्मू-कश्मीर में अब पथराव की कोई घटना नहीं होती है

(नेशनल डेस्क) गृह मंत्रालय ने  कहा कि कभी ‘आतंकियों का स्थल’ माना जाने वाला जम्मू-कश्मीर अब ‘पर्यटकों का स्थल’ बन गया है। 2022 में 22 लाख सैलानियों ने केंद्रशासित प्रदेश का दौरा किया, जो पिछले सर्वाधिक आंकड़े से लगभग चार गुना अधिक है।मंगलवार को जारी गृह मंत्रालय की ‘वर्षांत समीक्षा 2022’ के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में साल 2018 में आतंकी घटनाओं की संख्या जहां 417 थी, वहीं 2021 में यह संख्या घटकर 229 रह गई हैं. इसमें कहा गया कि साल 2018 में शहीद होने वाले सुरक्षाकर्मियों की संख्या 91 थी, लेकिन 2021 में घटकर यह संख्या 42 रह गई.

कोरोना की वजह से साल 2020 और 2021 में बहुत ज्यादा विदेशी पर्यटक कश्मीर नहीं गए थे. हालांकि 2022 में प्रतिबंधों को हटा दिया गया. जिसकी वजह से लंबे समय के बाद घाटी में विदेशियों का आगमन हुआ. जब केंद्र ने जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को निरस्त करने का फैसला किया था और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया था, तब इस बात को लेकर अनिश्चितता थी कि कैसे टूरिस्ट सीजन को बूस्ट किया जाएगा.

तीन दशकों से चली आ रही पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद ने यहां के पर्यटन उद्योग को बहुत बुरी तरह से प्रभावित किया. यहां तक कि पीक सीजन के दौरान भी कश्मीर के होटल खाली रहते थे. सर्दियों के मौसम में कश्मीर घूमने आने वाले पर्यटक भी कम होते थे.

मंत्रालय ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अब पथराव की कोई घटना नहीं होती है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार केंद्रशासित प्रदेश में दृढ़ता के साथ विकास के पथ पर आगे बढ़ रही है। इसने कहा कि 42,000 से अधिक लोग आतंकवाद के शिकार हुए और दिल्ली में किसी ने इस बारे में नहीं सोचा, लेकिन अब मोदी के नेतृत्व में आतंकवाद पर सुरक्षाबलों ने पूरी लगाम कस दी है।जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं में लगभग 54 प्रतिशत, सुरक्षाकर्मियों की मौतों में 84 प्रतिशत और आतंकवादियों की भर्ती में लगभग 22 प्रतिशत की कमी आई है। इसने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लिए प्रधानमंत्री विकास पैकेज के तहत 80,000 करोड़ रुपये की लागत से पनबिजली से संबंधित करीब 63 परियोजनाओं का निर्माण हुआ है। मंत्रालय ने कहा कि 4,287 करोड़ रुपये की लागत से किरू परियोजना का कार्य प्रगति पर है।

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