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जस्टिस यूयू ललित देश के 49वें मुख्य न्यायाधीश बने, राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई शपथ

  • यूयू ललित बने देश के 49वें चीफ जस्टिस

  • राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई शपथ

  • शपथ ग्रहण में यूयू ललित का परिवार रहा मौजूद

नेशनल डेस्क: जस्टिस यूयू ललित ने देश के 49 वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में आज शपथ ली है। शनिवार को राष्ट्रपति भवन में उनका शपथ ग्रहण समारोह हुआ, जहां राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उन्हें शपथ दिलाई। जस्टिस उदय उमेश ललित ने जस्टिस एनवी रमना की जगह ले रहे हैं, जोकि कल 26 अगस्त को मुख्य न्यायाधीश के रूप में रिटायर हुए हैं। शपथग्रहण समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कई अन्य केंद्रीय मंत्री शामिल हुए। न्यायमूर्ति ललित से पहले प्रधान न्यायाशीध के रूप में सेवाएं देने वाले न्यायमूर्ति एन वी रमण भी इस मौके पर मौजूद थे। शपथ ग्रहण के दौरान जस्टिस यूयू ललित का परिवार भी मौजूद रहा।

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संविधान के अनुसार, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश 65 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त हो जाते हैं। इस तरह से न्यायमूर्ति ललित का कार्यकाल तीन महीने से भी कम का होगा। वह नवंबर में 65 साल के हो जाएंगे। उनका कार्यकाल आठ नवंबर तक का होगा। क्रिमिनल लॉ में पारंगत माने जान वाले जस्टिस ललित 13 अगस्त 2014 में बार से सुप्रीम कोर्ट के जज बने। बार से सीजेआई बनने वाले वे दूसरे जज हैं। वहीं कल शुक्रवार को हुए जस्टिस एनवी रमना के विदाई समारोह में बोलते हुए जस्टिस यूयू ललित ने कि वह मुख्य न्यायाधीश के अपने 74 दिनों के कार्यकाल के दौरान तीन क्षेत्रों पर काम करने की इच्छा रखते हैं। उन्होंने कहा कि वे यह सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे कि सुप्रीम कोर्ट में कम से कम एक संविधान पीठ साल भर काम करे। साथ ही शीर्ष अदालत में सुनवाई के लिए मामलों को सूचीबद्ध करना और जरूरी मामलों को मेंशन करना उनकी प्राथमिकता में से एक रहेगा।

महाराष्ट्र से ताल्लुक रखने वाले नए सीजेआई जस्टिस यूयू ललित को वकालत का पेशा विरासत में मिला। उनके दादा और पिता भी इस पेशे में रह चुके हैं। शनिवार को जब राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में जस्टिस ललित को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शपथ दिला रही थीं तब सीजेआई के 90 वर्षीय पिता जस्टिस उमेश रंगनाथ ललित भी मौजूद थे। सीजेआई ललित के दादा रंगनाथ ललित महाराष्ट्र के सोलापुर में वकालत करते थे। उनके पिता उमेश रंगनाथ ललित ने भी वहीं से वकालत शुरू की थी। बाद में आगे चलकर वे मुंबई हाईकोर्ट में जज बने। इसके अलावा सीजेआई ललित के बड़े बेटे श्रेयस और उनकी पत्नी रवीना भी पेशेवर वकील हैं।

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