बेटी के खोने के बाद मां ने दर्द किया बयां
अंजलि की मां की आंखों में दर्द और बेबसी के आंसू
चटर मटर खाने की शौकीन थी अंजली
Kanjhawala Accident: दिल्ली के कंझावला में जिस तरह से 20 साल की अंजलि की मौत हुई, उसने सभी को झकझोर दिया है. राजधानी में लड़कियों की सेफ्टी को लेकर सवाल उठने लगे हैं. ऐसे में अब युवती की मां ने अपना दर्द बयां किया है। मां की आंखों में साफ दिख रहा था की वह अपनी बेटी को ढूंढ रही हैं, जैसे मानो वह यहीं हो।
बेटी के खोने के बाद मां ने दर्द किया बयां
अंजली की मां बताती हैं कि शाम घर से निकलते हुए अंजली ने पिंक जैकेट के साथ नई पैंट पहनी और पूछा- मम्मी, मैं कैसी लग रही हूं. वो प्यारी तो थी ही, थोड़ा सजती तो और अच्छी लगने लगती. मैंने हाथों से ही नजर उतार ली. फिर वो चली गई. रात में कॉल किया तो मोबाइल बंद था. सोचा, हमेशा की तरह सुबह लौट आएगी. बस, वही आखिरी बार था.
‘बड़ी बड़ी आंखे थी अंजली की’
6 भाई-बहनों में दूसरे नंबर की थी. हम उसे भट्टो बुलाते. बड़ी-बड़ी आंखें थीं उसकी, बिल्कुल पिता की तरह. हंसती तो हंसते ही जाती. खेलती तो दिनभर खेले ही जाते। काम शुरू किया तो काम ही करने लगी. सारा घर किसी आदमी की तरह संभाल लिया. जुनूनी थी मेरी बच्ची
चटर मटर खाने की थी शौकीन
उसे चटर-मटर खाने का खूब शौक था. हर हफ्ते बोलती- मम्मी, चिकन बनाओ! कभी खुद ही किचन में भिड़ जाती थी. उसके हाथ में मुझसे ज्यादा स्वाद था. शौकीन थी तो शौक पूरा करना भी आता. सजने का शौक था, तो दूसरों से कुछ नहीं मांगा. खुद कमाती. अपने लिए भी लाती, और बाकी भाई-बहनों के लिए भी. इसी नए साल पर मेरे लिए दो गर्म सूट और भाईयों के लिए नए कपड़े लाई. सब धरे रह गए.