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महिला आरक्षण बिल के मुद्दे पर विपक्ष को एक करने की कोशिश, 10 मार्च को दिल्ली में देंगी धरना के. कविता

  • महिला आरक्षण बिल के मुद्दे पर विपक्ष को एक करने की कोशिश

  • वरिष्ठ नेता के. कविता महिला आरक्षण पर दिल्ली में देंगी धरना

  • 1996 में पहली बार पेश हुआ था बिल

नेशनल डेस्क: अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले महिला आरक्षण बिल के मुद्दे पर विपक्ष को एक करने की कोशिशें की जा रही हैं। इसको लेकर तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी और बीआरएस की वरिष्ठ नेता के. कविता राजधानी दिल्ली में 10 मार्च को धरना देने की तैयारी में जुट गई हैं। बताया जा रहा है कि धरने में विपक्षी दलों के बुलावा देकर महिला आरक्षण बिल को पास कराने का मुद्दा उठाया जाएगा।

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कविता ने कहा कि महिला संगठनों, सभी 29 राज्यों के प्रतिनिधियों और महिलाओं के अधिकारों और सशक्तिकरण में भरोसा करने वाली राजनीतिक पार्टियों की मौजूदगी में 10 मार्च को जंतर-मंतर पर धरना होगा। तेलंगाना के मुख्यमंत्री की बेटी कविता ने कहा कि आज हम सभी जानते हैं कि दुनिया भर में महिला आरक्षण के महत्व को स्वीकार किया जा रहा है। बीआरएस की एमएलसी और भारत जागृति की संस्थापक कविता ने कहा कि जब महिलाएं नेतृत्व की भूमिका में आती हैं, तो लोकतंत्र की बेहतर सेवा होती है। उन्होंने आगे कहा कि ‘जब भी महिलाओं को नेतृत्व का मौका मिला है, उन्होंने हमेशा खुद को साबित किया है।’
                           
बता दें कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर ने अपनी राष्ट्रीय महत्वाकांक्षाओं को पूरी तरह स्पष्ट कर दिया है और इसके लिए उन्होंने अपनी पार्टी का नाम भी बदल दिया है। तेलंगाना में इसी साल विधानसभा का चुनाव भी होना है. ऐसे में कविता के धरने से पार्टी को फायदा होगा या नुकसान, यह देखने वाली बात होगी।
                         
बता दें कि 1996 में पेश हुआ यह बिल पिछले 27 साल लंबित है। इस बिल में महिलाओं के लिए लोकसभा और विधानसभा में 33 प्रतिशत सीटों का आरक्षित रखने की बात कही जा रही है। पहली बार यह बिल 1996 में पेश हुआ था। इसके बाद कई बार यह बिल पेश हो चुका था। यह बिल 2010 में राज्यसभा में पारित किया गया था, लेकिन 2014 में 15वीं लोकसभा के भंग होने के बाद यह समाप्त हो गया। बता दें कि महिला आरक्षण बिल की कई बार मांग हो चुकी है। इस मामले को नेताओं ने महिला सशक्तिकरण का मुद्दा बताया है।

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