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भारतीय राजनीति में न्यूजीलैंड की पीएम जैसिंडा अर्डर्न जैसे नेताओं की जरूरत,जेसिंडा अर्डर्न अपना पद छोड़ने जा रही

  • न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न की सराहना की

  • हमें जेसिंडा जैसे नेता की जरूरत

  • प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न अपना पद छोड़ने जा रही हैं

(नेशनल डेस्क) कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने अपना पद छोड़ने की घोषणा करने वाली न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न की बृहस्पतिवार को सराहना की और कहा, भारतीय राजनीति में उनके जैसे लोगों की अधिक आवश्यकता है.जयराम रमेश ने ट्विटर पर जयराम रमेश ने न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न की सराहना करते हुए कहा कि भारतीय राजनीति में उनके जैसे लोगों की अधिक आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि महान क्रिकेट कमेंटेटर, विजय मर्चेंट ने एक बार अपने करियर के चरम पर रिटायरमेंट होने के बारे में कहा था- ‘जाओ जब लोग पूछे कि वह क्यों जा रहा है, ये न पूछें कि वह क्यों नहीं जा रहा है’. जैसिंडा अर्डर्न भी इसी कहावत का पालन कर पद छोड़ रही हैं. भारतीय राजनीति को उनके जैसे और लोगों की जरूरत है.

न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न ने कहा कि वह अपना पद छोड़ने जा रही हैं और अक्टूबर में देश में आम चुनाव होंगे. नम आंखों के साथ अर्डर्न ने नेपियर में पत्रकारों से कहा कि सात फरवरी बतौर प्रधानमंत्री उनका आखिरी दिन होगा. उन्होंने कहा, मेरे कार्यकाल का छठा वर्ष शुरू होने जा रहा है और बीते हर साल मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया है. उन्होंने घोषणा की कि न्यूजीलैंड का अगला आम चुनाव 14 अक्टूबर को होगा और वह तब तक सांसद के रूप में काम करती रहेंगी. अभी यह स्पष्ट नहीं है कि चुनाव तक प्रधानमंत्री पद कौन संभालेगा. उप प्रधानमंत्री ग्रांट रॉबर्टसन ने घोषणा की है कि वह लेबर पार्टी के नेतृत्व के लिए चुनाव नहीं लड़ेंगे.

तब जाओ जब लोग पूछें कि क्यों...जयराम रमेश बोले- हमें जेसिंडा जैसे नेता की जरूरत

2017 में सत्ता में आने के समय केवल 37 साल की उम्र में अर्डर्न दुनिया की सबसे कम उम्र की महिला प्रधानमंत्री बनने का गौरव हासिल किया था. वह प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए बच्चे को जन्म देने वाली कुछ महिला नेताओं में शामिल हैं.बता दें कि आज न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न ने एक चौंकाने वाली घोषणा में कहा कि वह अगले महीने पद छोड़ देंगी. अर्डर्न ने कहा कि वह छह साल तक सत्ता में रहने के बाद अगले महीने फरवरी में प्रधानमंत्री का पद छोड़ देंगी. उन्होंने कहा कि अब उनके पास नेतृत्व करने के लिए कुछ खास नहीं बचा है.

अर्डर्न ने अपने पद को कई विशेषाधिकारों से भरा लेकिन चुनौतीपूर्ण बताया. उन्होंने कहा कि इस भूमिका को निभाने के लिए हमेशा अप्रत्याशित चीजों के लिए तैयार रहना चाहिए. उन्होंने कहा, मैं यह पद इसलिए नहीं छोड़ रही क्योंकि यह चुनौतियों से भरा है. अगर ऐसा होता तो प्रधानमंत्री बनने के दो महीने बाद ही मैंने पद छोड़ दिया होता. मैं यह पद इसलिए छोड़ रही हूं क्योंकि इससे मिलने वाले विशेषाधिकारों के साथ कई जिम्मेदारियां भी आती हैं … जिम्मेदारी यह जानने की कि आप नेतृत्व करने के लिए कब सही व्यक्ति हैं और कब नहीं. मुझे पता है कि इस पद के लिए क्या चाहिए और मुझे पता है कि अब मेरे पास जज़्बा नहीं है. यही असल बात है.

 उन्होंने कहा कि महान क्रिकेट कमेंटेटर, विजय मर्चेंट ने एक बार अपने करियर के चरम पर रिटायरमेंट होने के बारे में कहा था- ‘जाओ जब लोग पूछे कि वह क्यों जा रहा है, ये न पूछें कि वह क्यों नहीं जा रहा है’. जैसिंडा अर्डर्न भी इसी कहावत का पालन कर पद छोड़ रही हैं. भारतीय राजनीति को उनके जैसे और लोगों की जरूरत है.

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