मोहिनी एकादशी 2022: आने वाली 12 मई को एकादशी तिथि है। मोहिनी एकादशी वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को कहा जाता है। मोहिनी एकादशी को पौराणिक मान्यता के अनुसार सभी एकादशी में विशेष माना जाता है।
यह वहीं दिन है जब भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप लेकर देवताओं को अमृत पान कराया था। इसे पीकर ही देवता अमर हुए थे। मोहिनी एकादशी की कथा समुद्र मंथन से जुड़ी हुई है. जो देवता और असुरों के बीच हुआ था.
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समुद्र मंथन की कथा:
समुंद्र मंथन देवताओं और असुरों के बीच हुआ था। असुरों के राजा बलि ने उस समय तीनों लोकों पर कब्जा कर लिया था अपने आप को संकट में देख सभी देवताओं ने मिलकर भगवान विष्णु से सहायता मांगी। भगवान विष्णु ने देवताओं की मदद करने की ठानी औऱ उन्होंने देवताओं को असुरों से समुंद्र मंथन के लिए राजी करने की सलाह दी। बहुत कोशिश करने के बाद आखिर देवताओं ने असुरों को समुंद्र मंथन के लिए मना ही लिया। वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी की तिथि को समुद्र मंथन से अमृत कलश निकला। अमृत कलश को प्राप्त करने के लिए भी देवताओं और असुरों के बीच विवाद की स्थिति पैदा हो गयी। देवताओ को ये डर सताने लगा कि अगर अमृत असुरों के हाथ लग गया तो वे अमर और शक्तिशाली बन जाएंगे। तथा इसी स्थिति से बचने के लिए उन्होंने विष्णु भगवान की मदद ली। यह वही समय था जब भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप लिया तथा राक्षसों से अमृत को बचाते हुए देवताओं को इसे पिला दिया, इससे देवता अमर हो गए. जिस दिन भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप लिया उस दिन एकादशी की तिथि थी, इसीलिए मोहिनी वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है।
एकादशी शुभ मुहूर्त:
आरंभ:
11 मई 2022 को शाम 7:31 से
समापन:
12 मई 2022 को शाम 6:51बजे
मोहिनी व्रत पारण समय:
13 मई 2022 को प्रातः 7:59 तक