नयी आबकारी नीति लागू होने से शराब की कीमतों में इजाफा
शराब और बीयर बार के लाइसेंस में 10 फीसदी बढ़ोतरी
45 हजार करोड़ राजस्व का लक्ष्य
(उत्तरप्रदेश डेस्क) उत्तर प्रदेश में इस साल एक अप्रैल से नयी आबकारी नीति लागू होने से शराब की कीमतों में इजाफा होना तय है. नयी आबकारी नीति 2023-24 को उत्तर प्रदेश मंत्रिमण्डल ने मंजूरी दे दी.यूपी कैबिनेट की बैठक में शराब और बीयर बार के लाइसेंस में 10 फीसदी बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी गई है. नई आबकारी नीति 2023-24 के लिए है. जिसमें देसी शराब और बीयर महंगी होगी. सरकार की ओर से आबकारी लाइसेंस की फीस बढ़ाने की वजह से शराब की कीमत में इजाफा होगा. योगी सरकार ने अगले वित्तीय वर्ष में शराब और मदिरा के जरिए 45,000 करोड़ रुपये का राजस्व जुटाने का लक्ष्य तय किया है. जिसके तहत बीयर बार, विदेशी शराब की दुकानों और ठेकों के लाइसेंस की फीस बढ़ाई जा रही है.
नई आबकारी नीति के बाद यूपी में देसी और अंग्रेजी शराब की कीमतों में क्रमशः 5 व 10 रुपये की बढ़ोत्तरी होगी. बियर की कीमतों में भी पांच से सात रुपये की वृद्धि होगी. बढ़ी हुयी दरें 1 अप्रैल से लागू होंगी. इसके अलावा लाइसेंस फीस में 10 फीसदी की बढ़ोत्तरी होगी. साथ ही मॉडल शॉप पर शराब पिलाने पर अब दो लाख की बजाय 3 लाख रुपये शुल्क देना होगा.
नयी नीति में देशी शराब के मिनिमम गारंटी कोटा में भी 10 फीसदी की बढ़ोत्तरी की गई है. इसके लागू होने से, देशी शराब विक्रेताओं को 2022-23 में 58.32 करोड़ बल्क लीटर के बजाय 36% अल्कोहल-बाय-वॉल्यूम तीव्रता के 64.15 करोड़ बल्क लीटर खरीदने होंगे. सरकार ने शराब की बिक्री के समय को वर्तमान सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक बढ़ाकर रात 11 बजे तक बढ़ाने के बावजूद बिक्री के मौजूदा समय में बदलाव नहीं किया है. हालांकि, सरकार ‘विशेष अवसरों’ पर बिक्री का समय बढ़ाने का प्रावधान लाई है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई. इसी बैठक में नई आबकारी नीति को मंजूरी दी गई. वहीं सरकार ने नई नई आबकारी नीति से अगले साल तक 45 हजार करोड़ जुटाने का लक्ष्य रखा है. पिछले साल सरकार का ये लक्ष्य पांच हजार करोड़ था.
बताते चले कि इस नीति में शराब की दुकानों के खुलने और बंद होने के समय में बदलाव नहीं किया गया है. पर किसी विशेष अवसर पर शराब बिक्री के समय को बढ़ाया जा सकता है.