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Lone Moratorium Case: 28 सितंबर तक बढ़ा लोन मोरेटोरियम, SC ने कहा – केंद्र सरकार दो हफ्ते में ठोस योजना के साथ आएं

  • सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को लोन मोरेटोरियम पर फैसले के लिए 2 सप्ताह का दिया समय

  • अदालत में लोन मोरेटोरियम कि अगली सुनवाई 28 सितंबर को की जाएगी

  • केंद्र  सरकार और RBI को मोरेटोरियम पर निर्णय लेने का यह है अंतिम मौका

 नेशनल डेस्क:  सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा दिए गए लोन मोरेटोरियम मामले पर ठोस निर्णय लेने के लिए 2 सप्ताह का समय दिया है। शीर्ष अदालत ने आज लोन मोरेटोरियम को आगे बढ़ाने और ब्याज में छूट देने की याचिकाओं पर सुनवाई की। और ऋण मोरेटोरियम को अदालत ने 28 सितंबर तक बढ़ा दिया है। साथ ही पीठ ने कहा कि इस अवधि तक बैंक किसी भी लोन की किस्त की अदायगी पर नॉन परफॉर्मिंग असेट (NPA) घोषित न करें। न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि केंद्र सरकार और आरबीआई को मोरेटोरियम पर निर्णय लेने का यह अंतिम मौका दिया जा रहा है। अब अदालत की ऋण मोरेटोरियम कि अगली सुनवाई 28 सितंबर को की जाएगी। 

सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने अदालत को बताया कि इस मामले को लेकर बैंकों और अन्य हितधारकों के साथ बातचीत चल रही है और इस संबंध में दो से तीन दौर की बैठकें हो चुकी हैं। अभी मामले की जांच की जा रही है। वहीं  अदालत ने केंद्र को ब्याज पर ब्याज न वसूलने वाली याचिका पर विचार करने के लिए भी कहा है । इसके अलावा उधारकर्ताओं की क्रेडिट रेटिंग को डाउनग्रेड नहीं करने को कहा है।

                                मोरेटोरियम क्या है

कोरोना काल में लोन को चुकाने को लेकर ग्राहकों को राहत दी गई थी वह राहत इसी सुविधा के तहत दी गई थी यानी
लोन मोरेटोरियम एक सुविधा है जिसमें कोरोना प्रभावित ग्राहकों या कंपनियों को छूट दी गई थी।  इसके तहत ग्राहकों और कंपनियों को अपनी ईएमआई स्थगित करने की सुविधा थी।  इस सुविधा से ग्राहकों को उस वक़्त राहत तो मिलती है, लेकिन उन्हें आगे बैंक को अधिक पैसा देना पड़ता है।

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