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मध्य प्रदेश हमारी कर्मभूमि है,पहले दिन मिले 1.15 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव

  • पहले दिन मिले 1.15 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव

  • मध्य प्रदेश हमारी कर्मभूमि है

  • लोगों को आकर्षित करता है मप्र का वातावरण

(मध्यप्रदेश डेस्क) मध्य प्रदेश में औद्योगिक विकास और रोजगार की संभावनाओं को साकार करने के लिए शिवराज सरकार द्वारा बुलाई ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के पहले ही दिन निवेश प्रस्तावों की झड़ी लग गई। विभिन्न उद्योग समूहों ने सवा लाख करोड़ रुपये से अधिक निवेश प्रस्तावों की घोषणा मंच से की। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी भरोसा दिलाया कि जो विश्वास जताया गया है, उस पर खरा उतरने में कोई कसर नहीं रहने दी जाएगी।

इंदौर में बुधवार से प्रारंभ हुई दो दिवसीय ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के पहले दिन अदाणी समूह के प्रणव अदाणी ने उद्घाटन सत्र में कहा कि समूह आने वाले समय में 60 हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करेगा। इंदौर के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 47 के नानासा-पिडगांव खंड को चार लेन में बदलने का काम हमने प्रारंभ किया है। शकर पेंच लिंक परियोजना के निर्माण, संचालन और रखरखाव पर तीन हजार 250 करोड़ रुपये, फूड पार्क की स्थापना पर पांच सौ करोड़, धार, गुना, दमोह, उज्जैन और इंदौर में दो स्थानों पर साइलो, वेयरहाउसिंग और मल्टीमाडल लाजिस्टिक्स पार्क में डेढ़ हजार करोड़ रुपये, नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में 39 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।

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रिलायंस समूह के निखिल आर मेसवानी ने बताया कि दिसंबर 2023 तक प्रदेश की सभी तहसीलों में 5जी की सुविधा उपलब्ध करा दी जाएगी। समूह राज्य में अब तक 22 हजार 500 करोड़ का निवेश कर चुका है और 40 हजार करोड़ रुपये का निवेश आने वाले समय में किया जाएगा।आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा कि हमारा मध्य प्रदेश से पुराना नाता है। यह हमारी जन्मभूमि न सही लेकिन कर्मभूमि अवश्य है। हमारे निवेश का मूल्य यहां 60 हजार करोड़ रुपये को पार कर चुका है। पांच साल में 15 हजार करोड़ रुपये का निवेश विभिन्न क्षेत्र में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि समूह मध्य प्रदेश और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के हर कदम के साथ कदम मिलाकर चलेगा।

फोर्स मोटर्स के अभय फिरोदिया ने बताया कि जब हम यहां आए तो पहले 15 वर्ष हमारे लिए कठिन थे। न बिजली थी, न पानी था, न रास्ते थे और न सरकार की तरफ से कोई सुनवाई थी। पिछले 20 वर्षों में मध्य प्रदेश बदल गया है। यहां आपका नाम कोई भी हो, अंतर नहीं पड़ता। मध्य प्रदेश के विकास में यहां की जनता का सबसे बड़ा योगदान है। मैंने इंदौर को टूटा-फूटा भी देखा है। आज यह भारत का सबसे स्वच्छ शहर है। यहां का अनुशासन जबरदस्त है। मध्य प्रदेश को एमपी कहते हैं। मेरे मन में बड़े समय से विषय है कि इसका नाम बदला जाए और इसका नाम मध्य प्रदेश से माडल प्रदेश रखा जाए।

कंफेडरेशन आफ इंडियन इंडस्ट्री के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने बताया कि पीथमपुर में निजी निवेश से स्किलिंग सेंटर, नौकरियों के नए क्षेत्र में शिक्षा देने के लिए अकादमी और निजी रोजगार एक्सचेंज खोलेंगे।

मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने उद्योगपतियों के साथ वन-टू-वन भेंट में कहा कि देश में आइटी का अगला गंतव्य इंदौर होगा। स्वच्छता और कार्य के बेहतर वातावरण को हमने ब्रांड के रूप में स्थापित किया है। उद्योग और निवेश की सुगम प्रक्रियाएं, सहयोगी व उत्साहवर्धक व्यवहार और पर्याप्त अधोसंरचना सभी क्षेत्रों में निवेश के लिए प्रदेश को उपयुक्त बनाता है।

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