- मायवाती का बड़ा बयान
- सदन में विपक्षी दलों के रवैया का किया विरोध
- कहा- संसद में उनका बर्ताव लोकतंत्र को शर्मसार करनेवाला
नेशनल डेस्क : उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्षा मायावती ने राज्यसभा में विपक्षी नेताओं के व्यवहार पर नाराजगी जताई है। इस मामले में बसपा अध्यक्षा ने खुलेतौर पर सदन में हंगामा करने वाले सांसदों का विरोध किया।
सोशल मीडिया पर मायावती ने ट्वीट किया कि “वैसे तो संसद लोकतंत्र का मन्दिर ही कहलाता है फिर भी इसकी मर्यादा अनेकों बार तार-तार हुई है। वर्तमान संसद सत्र के दौरान भी सदन में सरकार की कार्यशैली व विपक्ष का जो व्यवहार देखने को मिला है वह संसद की मर्यादा, संविधान की गरिमा व लोकतंत्र को शर्मसार करने वाला…अति-दुःखद।”
बीते रविवार (20 सितंबर,2020) को कृषि बिल पर विरोध प्रदर्शन करते हुए विपक्षी पार्टियों के सांसदों ने संसद में हंगामा मचा दिया। टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने तो उप सभापति हरिवंश के आसन के पास जाकर रूल बुक तक फाड़ दी थी। केवल इतना ही नहीं, उनके माइक को भी उखाड़ने का प्रयास किया था। वहीं आम आदमी के सांसद संजय सिंह उपसभापति के सामने कुर्सियों पर खड़े होकर नारेबाजी की थी। कुछ सांसदों ने कागज के टुकड़े आसन की ओर उछाले थे।
जिसके बाद उपसभापति के साथ अभद्र व्यवहार करने पर सभापति ने 8 सांसदों को निलंबित कर दिया था। लेकिन इसके बावजूद भी सभी सांसद सदन के बाहर बैठकर धरना प्रदर्शन कर रहे थे।
गुलाम नबी आजाद और ममता ने किया था समर्थन
विरोध प्रदर्शन खत्म होने के बाद भी विपक्षी सांसदों का कहना है कि अगर नए कृषि विधेयकों पर उनकी तीन मांगें केंद्र सरकार द्वारा पूरी नहीं की जाती हैं तो वह संयुक्त रूप से सत्र का बहिष्कार करेंगे।राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि जब तक विपक्ष की मांगें पूरी नहीं होंगी, वो सत्र का बहिष्कार करेंगे। इसके अलावा निलंबित सांसदों को ममता बैनर्जी का भी समर्थन मिला है।