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Mustard Oil Price: सरसों का तेल फिर होगा महंगा, जानें कारण

  • खाद्य तेल की कीमतों में फिर से बढ़ोतरी

  • घरेलू बाजार में खाद्य तेल की कीमतों में उछाल

  • भारत में 60 प्रतिशत से अधिक खाद्य तेल अन्य देशों से आयात

नेशनल डेस्क: खाद्य तेल की कीमतों में फिर से बढ़ोतरी होने लगी है, जिससे महंगाई की मार से एकबार फिर लोगों के किचन का बजट गड़बड़ा सकता है। दिल्ली तेल तिलहन बाजार में सरसों, मूंगफली और पामोलीन के भाव में तेजी देखी जा रही है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विदेशी बाजारों में आई तेजी के कारण घरेलू बाजार में खाद्य तेल की कीमतों में उछाल आया है। बाजार सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, मलेशिया एक्सचेंज में 5.5 प्रतिशत की तेजी और शिकागो एक्सचेंज में लगभग 1.25 प्रतिशत की तेजी देखऩे को मिली।

बता दें कि भारत अपनी जरूरत का 60 प्रतिशत से अधिक खाद्य तेल अन्य देशों से आयात करता है। भारत अर्जेंटीना और ब्राजील से सोया तेल और रूस एवं यूक्रेन से सूरजमुखी तेल का आयात करता है। वहीं पॉम ऑयल मलेशिया और इंडोनेशिया से खरीदता है। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय कारकों से भारत में खाद्य तेल की कीमतें भी प्रभावित होती हैं।

सरसों तेल हुआ महंगा
कच्ची घानी सरसों तेल का भाव पिछले सप्ताह के आखिरी दिन 2405-2510 रूपये प्रति टिन पर बंद हुआ था। वहीं इस सप्ताह सोमवार को यह 20 रूपये प्रति टन महंगा होकर 2425-2530 रूपये प्रति टन पर बंद हुआ।

यहां आपको बता दें एक टिन में 15 किलो तेल होता है। कच्ची घानी के अलावा सरसों पक्की घानी तेल में भी 20 रूपये प्रति टिन की बढ़ोतरी हुई है। अब यह 2385-2465 रूपये प्रति टिन हो गया है। बीते सप्ताह सरसों पक्की घानी तेल की भाव 2365-2445 पर बंद हुआ था।

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