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ओम-अल्लाह’ विवाद में कूदे हिंदू संगठन,नरसिंहानंद ने दी खुली चुनौती

  • ओम-अल्लाह’ विवाद में कूदे हिंदू संगठन

  • जमीयत उलेमा ए हिंद ने किया समर्थन

  • नरसिंहानंद ने दी खुली चुनौती

नेशनल डेस्क: जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी के ओम- अल्लाह के बयान पर बयानबाजी तेज हो गई है। विश्व हिन्दू परिषद ने मदनी पर निशाना साधते हुए कहा कि इस टिप्पणी ने मदनी की वास्तविक मानसिकता को उजागर कर दिया है। मौलाना मदनी की बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने वीडियो बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि क्या यह ‘सद्भावना सम्मेलन’ था या जमीयत के जहरीले समूह का जमावड़ा? बंसल ने आरोप लगाया कि मदनी ने हिंदू धर्मगुरुओं की उपस्थिति में अपनी टिप्पणी के साथ अपने वर्चस्व और इस्लाम के प्रभुत्व का दावा करने की कोशिश की है।

                                         

धार्मिक सद्भावना को लेकर आयोजित सम्मेलन में हिंदू व अन्य गैर-मुस्लिम धर्मगुरुओं की मंच पर मौजूदगी के दौरान जमीयत के अरशद गुट के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने ‘अल्लाह’ और ‘ओम’ को एक बता दिया।

अधिवेशन के आयोजक जमीयत के प्रमुख महमूद मदनी ने एक दिन पहले जिस संघ प्रमुख मोहन भागवत को संवाद के लिए न्योता दिया था, उन पर भी अरशद मदनी ने गंभीर टिप्पणी कर दी। इससे विवाद इतना बढ़ा कि मदनी को शास्त्रार्थ की चुनौती देकर जैन धर्मगुरु लोकेश मुनि व अन्य धर्मगुरु मंच से उतर गए।

मदनी ने उन्हें मेहमान बताकर रोकने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं रुके। लोकेश मुनि ने दावा किया कि मंच से उतरते समय उन पर हमले की कोशिश की गई, लेकिन कुछ लोगों ने बचा लिया। जैन मुनि ने जब मंच से अरशद मदनी के बयान का विरोध किया, तब दर्शक दीर्घा से उनके खिलाफ नारे लगे थे। महाधिवेशन के आखिरी दिन धार्मिक सद्भावना सम्मेलन में मंच पर मौलाना महमूद मदनी, जैन मुनि आचार्य लोकेश, परमार्थ निकेतन के प्रमुख स्वामी चिदानंद सरस्वती, सिख धर्मगुरु सरदार चंडोक सिंह भी मौजूद थे।

                                         

जमीयत उलेमा ए हिंद ने मदनी के बयान का समर्थन किया है। जमीयत के लीगल एडवाइजर काब रशीदी ने इसी अधिवेशन में मौलाना अरशद मदनी के बयान का समर्थन किया. कहा कि दुनिया में सबसे पहले ओम की पूजा की गई।काब रशीदी ने कहा कि सनातन धर्म जिन्हें ओम मानता है उन्हें हम अल्लाह मानते हैं।अल्लाह को सभी धर्मों के लोग अलग-अलग नाम से पुकारते हैं। काब रशीदी के मुताबिक इस संदर्भ में आप हमको यह नहीं कह सकते हमारा धर्म पहले कुछ और था बाद में कुछ और. चूंकि, हमारे ग्रंथों में साफ लिखा हुआ है संसार में जो सबसे पहले व्यक्ति थे वह ओम की पूजा करते थे। अगर हम उसकी ट्रांसलेशन अरबी में करें तो उसको अल्लाह कहा जाता है।

                                         

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