कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने पार्टी से दिया इस्तीफा
सोनिया गांधी को भेजा पांच पन्नों का इस्तीफा
लंबे समय से पार्टी की नीतियों को लेकर चल रहे थे नाराज
नेशनल डेस्क: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता भी छोड़ दी है। गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पांच पन्नों का इस्तीफा भेजा है। गुलाम नबी आजाद कांग्रेस का बड़ा चेहरा माने जाते रहे हैं। पूर्व में वह राज्यसभा में विपक्ष के नेता रहे हैं। गुलाम नबी आजाद के पार्टी छोड़ने के पीछे के कारणों का अभी खुलासा नहीं हो सका है। लेकिन वो काफी लंबे समय से पार्टी की नीतियों को लेकर नाराज चल रहे थे।
सोनिया गांधी को भेजा अपना त्यागपत्र
आजाद ने अपने त्यागपत्र की जो चिट्ठी लिखी है, उसमें उन्होंने राहुल गांधी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने लिखा है कि राहुल ने पार्टी में लोकतंत्र खत्म कर दिया। कांग्रेस नेता ने अपनी चिट्ठी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजी है। सोनिया गांधी को लिखे इस्तीफे में गुलाम नबी आजाद ने लिखा, ”इसलिए बड़े खेद और बेहद भावुक हृदय के साथ मैंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से अपना आधा शताब्दी पुराना नाता तोड़ने का फैसला किया है।
आजाद की नाराजगी उस समय भी सामने आई जब उन्हें जम्मू और कश्मीर इकाई का कैंपेन कमेटी का चेयरमैन और पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी का सदस्य नियुक्त किया। इस नियुक्ति के कुछ घंटे बाद ही आजाद ने इस पद से इस्तीफा दे दिया।
आजाद का राजनीतिक करियर
गुलाम नबी आजाद का जन्म 7 मार्च 1949 को जम्मू कश्मीर के डोडा में हुआ। उन्होंने कश्मीर यूनिवर्सिटी से M.Sc किया है। वे 1970 के दशक से कांग्रेस से जुड़े। वे 1975 में जम्मू कश्मीर यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष बने थे। 1980 में उन्होंने यूथ कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था। वे पहली बार 1980 में महाराष्ट्र के वाशिम से लोकसभा चुनाव जीते थे। इसके बाद उन्हें 1982 में केंद्रीय मंत्री बनाया गया था। वे 1984 में भी इसी सीट से जीते।
आजाद 1990-1996 तक महाराष्ट्र से राज्यसभा सांसद रहे। वे नरसिम्हा राव की सरकार में भी मंत्री रहे। वे 1996 से 2006 तक जम्मू कश्मीर से राज्यसभा पहुंचे। वे 2005 में जम्मू कश्मीर के सीएम भी बने। हालांकि, 2008 में पीडीपी ने कांग्रेस से समर्थन वापस ले लिया था। इसके बाद आजाद की सरकार गिर गई थी। आजाद मनमोहन सरकार में स्वास्थ्य मंत्री भी रहे। 2014 में आजाद को राज्यसभा में विपक्ष का नेता बनाया गया था। 2015 में आजाद को जम्मू कश्मीर से राज्यसभा भेजा गया था।