आज राष्ट्रीय प्रेस दिवस है
4 जुलाई, 1966 को प्रेस परिषद की हुई स्थापना
16 नवंबर 1966 से अपना विधिवत कार्य शुरू
नेशनल डेस्क: आज राष्ट्रीय प्रेस दिवस है। राष्ट्रीय प्रेस दिवस, प्रेस की स्वतंत्रता और जिम्मेदारियों की ओर हमारा ध्यान आकृष्ट करता है। भारत में पत्रकारिता में उच्च आदर्श कायम करने के उद्देश्य से प्रथम प्रेस आयोग ने एक प्रेस परिषद की कल्पना की थी।
इसके बाद 4 जुलाई, 1966 को प्रेस परिषद की स्थापना की गई। इस परिषद ने 16 नवंबर 1966 से अपना विधिवत कार्य शुरू किया। इसी तारीख को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय प्रेस दिवस की शुरुआत हुई। भारत में प्रेस को ‘वाचडॉग’ और भारतीय प्रेस परिषद को ‘मोरल वाचडॉग’ कहा गया है। आपको बता दें साल 2022 में भारत 150 वें स्थान पर है, जो कि साल 2021 में 142 वें स्थान पर था।
इतिहास
वर्ष 1956 में, प्रथम प्रेस आयोग ने वैधानिक अधिकार के साथ एक निकाय बनाने का निर्णय लिया, जिसके पास पत्रकारिता की नैतिकता को बनाए रखने की जिम्मेदारी है। आयोग ने महसूस किया कि प्रेस के लोगों से जुड़ने के लिए और किसी भी मुद्दे पर मध्यस्थता करने के लिए एक प्रबंध निकाय की आवश्यकता थी। 1966 में 16 नवंबर को PCI का गठन किया गया था। तब से भारत का राष्ट्रीय प्रेस दिवस हर साल 16 नवंबर को परिषद की स्थापना के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
भारतीय प्रेस परिषद एक वैधानिक निकाय
भारतीय प्रेस परिषद एक वैधानिक निकाय है, जिसे मीडिया के संचालन की निगरानी का अधिकार है। प्रेस परिषद अधिनियम, 1978 से यह अपना जनादेश प्राप्त करता है। इसके एक अध्यक्ष होते हैं, जो सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज होते हैं। उनके अलावा 28 अन्य सदस्य होते हैं, जिनमें से 20 प्रेस से होते हैं, पांच संसद के दोनों सदनों से नामित होते हैं और तीन प्रतिनिधित्व करते हैं।
महत्व
परिषद भारत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसका निर्माण स्वाभाविक रूप से लोकतंत्र के चौथे स्तंभ, यानी स्वतंत्र प्रेस की रक्षा के लिए किया गया था। इसलिए, यह सुनिश्चित करने के लिए लगातार काम करता है कि पत्रकारिता की विश्वसनीयता से समझौता न हो।