NGT ने योगी सरकार पर लगाया 120 करोड़ का जुर्माना
गोरखपुर की नदियों में चरम पर प्रदूषण
प्रदूषित पानी से दिमागी व जापानी बुखार का खतरा
Up Desk: राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने गोरखपुर के रामगढ़ ताल, एमी, राप्ती, रोहनी नदियों में प्रदूषण के मामले पर सुनवाई करते हुए सख्त दिशानिर्देश जारी किए है। एनजीटी ने नियमों का सही से पालन न किए जाने पर उत्तर प्रदेश सरकार पर 120 करोड़ का जुर्माना लगाया है। संबंधित उद्योगों द्वारा प्रदूषण के नियमों का पालन नहीं करने पर राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि नियमों का पालन न करने वाले उद्योगों पर सख्त कार्रवाई करें।
प्रदूषित पानी से दिमागी व जापानी बुखार का खतरा
एनजीटी ने गोरखपर में मलजल के निकास के मामले में भी सरकारी तंत्र को दोषी माना है। एनजीटी ने कहा है कि जल प्रदूषण पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने का एक कारक है। एनजीटी ने कहा कि प्रदूषित पानी से दिमागी बुखार, जापानी बुखार जैसी बीमारियां होती हैं, जिसकी वजह से गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में सैकड़ों बच्चों की जान चली जाती है। एनजीटी ने गोरखपुर में रामगढ़ ताल, राप्ती नदी समेत गोरखपुर के आस-पास की अन्य नदियों में प्रदूषण को रोकने के लिए छह सदस्यों की कमेटी बनाई है।
छः सदस्यीय कमेटी को देनी होगी 6 माह में एक्शन टेकन रिपोर्ट
कमेटी में अपर मुख्य सचिव, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पर्यावरण मंत्रालय के सचिव, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और गोरखपुर नगर निगम के अधिकारी शामिल है। एनजीटी ने इस कमेटी को एक महीने में बैठक कर प्रदूषण को कम करने को लेकर एक्शन प्लान तैयार करने को कहा कि समिति को सीईटीपी का प्रचालन, रामगढ़ ताल का संचालन, अतिक्रमण को रोकना, वृक्षारोपण सुनिश्चित करना होगा। इस कमेटी को छह महीने में ऐक्शन टेकन रिपोर्ट दाखिल करनी होगी।