देश विदेश से रोजाना आ रही बांके बिहारी को सैंकड़ों राखियां और पत्र
भगवान को अर्पित कर भक्तों को प्रसाद रूप में बांटी जायेंगी राखियां
शुभ घड़ी में राखी बांध लेना भैया बांके बिहारी
Raksha Bandhan 2022: भाई बहन के अटूट प्रेम का पर्व रक्षा बंधन। इस पर्व पर बहन अपने भाइयों के रक्षा सूत्र बांधकर लंबी उम्र की कामना करती हैं वहीं भाई बहन की रक्षा का वचन देते हैं। लेकिन कई बहन होती हैं जिनके भाई नहीं होते या कुछ बहन भगवान को अपना भाई मानकर उनको राखी बांधती हैं। वृंदावन के विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में इन दिनों हर दिन सैंकड़ों राखी आ रही हैं। यह राखी देश के अलग अलग शहरों से वह बहन भेज रही हैं जिन्होंने भगवान बांके बिहारी को अपना भाई मान लिया है।
हर दिन आ रही सैंकड़ों राखी
वृंदावन में स्थित विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में इन दिनों डाक के जरिए राखियां आ रही हैं। सैंकड़ों की संख्या में आ रही यह राखी भगवान बांके बिहारी जी के लिए आ रही हैं। देश के अलग अलग राज्यों से बहन भगवान को भाई मानकर रक्षा बंधन पर्व के लिए राखी भेज रही हैं। रक्षा सूत्र के साथ पत्र भी आ रहे हैं जिनमें अपने भाव लिखे हैं।
शुभ घड़ी में राखी बांध लेना भैया बांके बिहारी
भगवान बांके बिहारी को आ रही राखियों के साथ पत्र भी आ रहे हैं। इन पत्रों में किसी ने समस्या लिखी है तो किसी ने भगवान बांके बिहारी को लाड़ लड़ाया है। जो बहन इस बार रक्षा बंधन पर वृंदावन नहीं आ रहीं वह भगवान को ताना मारते हुए लिख रही हैं की इस बार बहन को क्यों नहीं बुलाया। बहनों ने पत्र में लिखा कि कोई बात नहीं वह जल्द आयेंगी लेकिन शुभ घड़ी में राखी बांध लेना। किसी पत्र में लिखा मां की कैंसर की बीमारी को करना खत्म, किसी में लिखा बहन का एक्जाम अच्छे से करा देना
भगवान बांके बिहारी को प्रतिदिन आने वाली सैंकड़ों राखियों के साथ जो पत्र आ रहे हैं उनमें बहनों ने अपना दर्द भी भगवान से साझा किया है। पंजाब से आए एक पत्र में लिखा कि मां को कैंसर है दो स्टेज हो चुकी हैं बांके बिहारी भैया मां को राहत दो। वहीं दिल्ली से आए एक पत्र में लिखा है कि छोटी बहन बहुत परेशान है उसके ससुराल वाले प्रताड़ित करते हैं बहन का न ऑफिस में मन लग रहा न एक्जाम में। भैया बांके बिहारी बहन का एक्जाम अच्छे से करा देना उसे 85 प्रतिशत अंक दिला देना।
राखी के साथ भेजा रैन कोट
महाराष्ट्र से आई एक पोस्ट में राखी के साथ कलावा, रोली,चावल,मेवा के अलावा दो रैन कोट भी हैं। मंदिर के कर्मचारियों ने जब रैन कोट देखा तो वह अचंभित हुए। मंदिर के कर्मचारी दिनेश ने राखी के साथ आए पत्र को जब पढ़ा तो वह भी बहन की भावना देख भाव विभोर हो गए। पल्लवी नाम की बहन ने भगवान बांके बिहारी को राखी भेजते हुए पत्र लिखा कि आपकी राखी है जो इस पर्व का होना बताती है। पुणे से एक बहन ने रक्षा सूत्र भेजते हुए लिखा कि उन्होंने अपने में देखा कि बिहारी जी और राधा रानी निधिवन में रास कर रहे हैं उसी दौरान बारिश हो जाती है जिसमें दोनों भीग गए। निधिवन जाते समय बिहारी जी और राधा रानी न बरसात में भीगे इसलिए रैन कोट भेज रही हूं।
रक्षा बंधन के दिन बांधी जाएंगी राखी
देश के अलग अलग राज्यों से आ रही इन राखियों को रक्षा बंधन के दिन मंदिर के पुजारी सुबह शाम के दर्शन के समय भगवान बांके बिहारी को बांधते हैं। मंदिर के गोस्वामी श्री नाथ गोस्वामी ने बताया कि राखी भेजने का यह सिलसिला रक्षा बंधन से एक महीने पहले से शुरू हो जाता है। हजारों की संख्या में भगवान को राखी आती हैं