आप सांसद संजय सिंह का पीएम मोदी पर निशाना
‘मोदी जी आपको अग्निवीर बनाना है या जातिवीर’
विपक्ष के सवालों का बीजेपी ने दिया जवाब
नेशनल डेस्क: अग्निपथ योजना को लेकर उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक बार फिर इस पर सियासत गर्मा गई है। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह सहित तमाम विपक्षी सांसदों ने अग्निपथ योजना पर सवाल उठाते हुए मोदी सरकार को घेरने की कोशिश की। अग्निपथ योजना को लेकर संजय सिंह ने मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है। संजय सिंह ने अपने ट्विटर हैंडल पर सेना बहाली के जुड़ा एक स्क्रीन शॉट शेयर किया है। उन्होंने लिखा है, “मोदी सरकार का घटिया चेहरा देश के सामने आ चुका है। क्या मोदी जी दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों को सेना भर्ती के काबिल नही मानते? भारत के इतिहास में पहली बार सेना भर्ती में जाति पूछी जा रही है। मोदी जी आपको अग्निवीर बनाना है या जातिवीर?”
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मोदी सरकार का घटिया चेहरा देश के सामने आ चुका है।
क्या मोदी जी दलितों/पिछड़ों/आदिवासियों को सेना भर्ती के क़ाबिल नही मानते?
भारत के इतिहास में पहली बार “सेना भर्ती “ में जाति पूछी जा रही है।
मोदी जी आपको “अग्निवीर” बनाना है या “जातिवीर” pic.twitter.com/fxgBre38Ft— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) July 19, 2022
इससे पहले बिहार जदयू नेता व संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने भी जाति प्रमाण पत्र मांगे जाने पर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से इस पर स्पष्टीकरण मांगा है। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा है, सेना की बहाली में जाति प्रमाण पत्र की क्या जरूरत है, जब इसमें आरक्षण का कोई प्रावधान ही नहीं है। संबंधित विभाग के अधिकारियों को स्पष्टीकरण देना चाहिए।
माननीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह जी,
सेना की बहाली में जाति प्रमाण पत्र की क्या जरूरत है, जब इसमें आरक्षण का कोई प्रावधान ही नहीं है। संबंधित विभाग के अधिकारियों को स्पष्टीकरण देना चाहिए। pic.twitter.com/53S7Bf2tzH
— Upendra Kushwaha (@UpendraKushRLM) July 18, 2022
इतना ही नहीं आप सांसद के आरोपों पर भारतीय जनता पार्टी की ओर से भी प्रतिक्रिया सामने आई है। अमित मालवीय ने संजय सिंह के आरोपों का तथ्य के आधार पर जवाब दिया। उन्होंने कहा कि सेना ने 2013 में सुप्रीम कोर्ट में दायर एक हलफनामे में स्पष्ट किया था कि वह जाति, क्षेत्र और धर्म के आधार पर भर्ती नहीं करती है। प्रशासनिक सुविधा और परिचालन आवश्यकताओं के लिए एक क्षेत्र से आने वाले लोगों के समूह को एक रेजिमेंट में रखने को उचित ठहराती है। विपक्ष को मोदी विरोध की आदत पड़ गई है।
The Army, in an affidavit filed before the SC in 2013, has made it clear that it does not recruit on the basis of caste, region and religion. It however justified grouping of people coming from a region in a regiment for administrative convenience and operational requirements… https://t.co/kYLZcC8THO
— Amit Malviya (मोदी का परिवार) (@amitmalviya) July 19, 2022
विपक्ष के आरोपों पर सेना ने दिया जवाब
वहीं सेना ने विपक्ष के नेताओं के आरोपों का खंडन करते हुए बयान जारी किया है। सेना के अधिकारियों ने कहा कि सेना की किसी भी भर्ती में पहले भी उम्मीदवारों से जाति प्रमाण पत्र और धर्म प्रमाण पत्र मांगा जाता था। इसे लेकर अग्निपथ योजना में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसके अलावा भारतीय सेना के अधिकारी ने कहा कि प्रशिक्षण के दौरान मरने वाले रंगरूटों और सेवा में शहीद होने वाले सैनिकों के लिए धार्मिक अनुष्ठानों के अनुसार अंतिम संस्कार करने के लिए भी धर्म की जानकारी की आवश्यकता होती है।
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