पाक पीएम का भारत सरकार पर हमला
कश्मीर को लेकर पीएम मोदी पर साधा निशाना
नरेंद्र मोदी ने पूरे कश्मीर को जेल में बदल दिया
Kashmir Dispute: कर्ज में डूबा पाकिस्तान इन दिनों विदेशी मदद के लिए तरस रहा है। गहरे आर्थिक संकट में फंसे पाक को अगर जल्द मदद नहीं मिली तो यह इस्लामिक देश डिफॉल्ट कर सकता है। ऐसे नाजुक मोड़ पर खड़े होने के बावजूद पाकिस्तानी हुक्मरान दशकों पुराने कश्मीर राग को अलापना बंद नहीं कर रहे हैं। एकबार फिर पाक पीएम शहबाज शरीफ ने जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने पूरे क्षेत्र को जेल में तब्दील कर दिया है।
शहबाज शरीफ ने पीएम मोदी पर निशाना ऐसे समय में साधा है, जब वो खुद एक अरबी मीडिया चैनल से बातचीत के दौरान भारत से बेहतर संबंध होने की वकालत कर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि भारत से जंग करके पाकिस्तान को केवल बदहाली मिली है। ऐसे में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री का ये बयान खराब आर्थिक हालत के कारण मुल्क में कमजोर होती उनकी राजनीतिक स्थिति को दर्शाती है।
कश्मीर एकजुटता दिवस के मौके पर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की विधायिका को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि 5 अगस्त 2019 को नरेंद्र मोदी ने कश्मीर के विशेष दर्जे को छिन लिया और पूरे क्षेत्र को जेल में तब्दील कर दिया। मगर यह अत्याचार अधिक दिन नहीं चलेगा। कश्मीरियों ने बहादुरी से कश्मीर के लिए जो बलिदान दिया है, उसका फल मिलना तय है। शरीफ ने कहा कि आर्थिक एवं राजनीतिक स्थिरता हासिल करना पाकिस्तान के लिए बेहद जरूरी है ताकि वो कश्मीरियों के हक में आवाज उठा सके।
इमरान सरकार कश्मीर मुद्दे को चाहती थी दबाना
शहबाज शरीफ ने इस दौरान कहा कि मुझे पता चला कि कश्मीर में अगले 20 सालों तक जनमत संग्रह को टालने की साजिश रची गई थी। कश्मीरियों के साथ इससे बड़ी साजिश या क्रूरता नहीं हो सकती है। पाकिस्तान का कोई भी नेता या सैनिक ऐसा कुछ सोच भी नहीं सकता है। शरीफ का इशारा अपने कट्टर सियासी प्रतिद्वंदी इमरान खान की ओर था।
दरअसल, पाकिस्तान में इन दिनों ये अफवाह काफी गर्म है कि पूर्व सैन्य प्रमुख कमर जावेद बाजवा भारत के साथ रिश्ते सामान्य करना चाहते थे। इसके लिए बैकचैनल डिप्लोमेसी को बढ़ावा दिया गया था। कहा गया कि इमरान सरकार भी इसके लिए तैयार थी और 20 साल के लिए कश्मीर मुद्दे को ठंडे बस्ते में डालने की तैयारी थी। लेकिन तत्कालीन पाक विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी द्वारा चेताने के बाद इमरान इससे पीछे हट गए थे। हालांकि, इस पर इमरान खान या उनकी पार्टी और न ही सेना की ओर से कोई प्रतिक्रिया अभी तक आई है। इतना जरूर है कि पूर्व सैन्य प्रमुख कमर जावेद बाजवा के कारण ही भारत – पाक सीमा पर सीजफायर संभव हो सका।