26 से सुपर स्पेशियिल्टी में पेशेंट होंगे एडमिट,
न्यूरो सर्जरी के 30-30 बेड पर लोगों का इलाज किया जाएगा,
सर्जरी इंडोस्कोपिक डिसेक्टमी की सुविधा भी मिलेगी,
(उत्तरप्रदेश डेस्क) कानपुर के मरीजों को अब लखनऊ और दिल्ली के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे, जीएसवीएम सुपर स्पेशियलिटी पीजीआई की मल्टी सुपर स्पेशियलिटी बिल्डिंग में 26 दिसंबर से मरीजों को एडमिट करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। फर्स्ट फेज के तहत अभी तक रोजाना करीब 600 पेशेंट की OPD की जा रही थी। सेकेंड फेज के ट्रायल में पेशेंट्स को एडमिट किया जाएगा। अब रोगियों का इलाज शुरू किया जाएगा। थर्ड फेज में आईसीयू,डायलिसिस आदि शुरू की जाएगी।
GSVM मेडिकल कॉलेज के न्यूरो साइंस सेंटर को एलपीएस इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी की तरह डेवलप कर शुरू किया जा रहा है।आपको बता दें कि मल्टी सुपर स्पेशियिल्टी बिल्डिंग में यूरोलॉजी,गेस्ट्रोमेडिसिन,न्यूरोलॉजी और न्यूरो सर्जरी के 30-30 बेड पर लोगों का इलाज किया जाएगा।इसके अलावा परक्यूटेनियस स्पाइनल फ्यूजन जैसी बेहद जटिल सर्जरी के भी 20 से ज्यादा केसेस सक्सेसफुली ऑपरेट हुए। संस्थान को न्यूरो सर्जरी के मामले में सेंटर फॉर एक्सीलेंस की तरह डेवलप किया जा रहा है। इसके लिए ओटी में इंडोस्कोपिक,माइक्रोस्कोपिक सर्जरी के एडवांस उपकरणों की खरीदने की प्रक्रिया शुरू की गई है।
बेहद जटिल ब्रेन और स्पाइन सर्जरी के लिए SGPGI या KGMU की दौड़ अब खत्म हो जाएगी। न्यूरो साइंस सेंटर में अब एडवांस न्यूरो और ट्रॉमा सर्जरी के लिए लखनऊ और दिल्ली की भागदौड़ कम हो गई है। यहां तक कि स्पाइन की सर्जरी इंडोस्कोपिक डिसेक्टमी की सुविधा तो अभी SGPGI में भी नहीं है उसे यहां शुरू किया गया है।
न्यूरो सर्जरी डिपार्टमेंट के एचओडी और मल्टी सुपरस्पेशियलिल्टी के नोडल अधिकारी डॉ.मनीष सिंह ने बताया कि सेकेंड फेज के ट्रायल के तौर पर 26 दिसंबर से नई बिल्डिंग में पेशेंट़्स का एडमिट करना शुरू कर दिया जाएगा। न्यूरो, गेस्ट्रो और न्यूरा सर्जरी के पेशेंट्स को बेहतर इलाज यहां मिल सकेगा।