नई दिल्ली। भारत की सबसे बड़ी डिजिटल भुगतान सेवाएं उपलब्ध कराने वाली कंपनी पेटीएम की परिचालक वन 97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड अपनी प्रस्तावित शेयर पुनर्खरीद (बायबैक) पेशकश के लिए आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) से मिली राशि का इस्तेमाल नहीं कर सकती है। सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए कहा कि नियमों के तहत कंपनी शेयर वापस खरीदने के लिए आईपीओ से मिली राशि का इस्तेमाल नहीं कर पाएगी और इसके लिए उसे अपनी नकदी का इस्तेमाल करना होगा।
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पेटीएम के ताजा वित्तीय परिणामों के अनुसार, उसके पास 9,182 करोड़ रुपये की नकदी है। शेयर वापस खरीदने के प्रस्ताव पर कंपनी के निदेशक मंडल की बैठक 13 दिसंबर को होने वाली है। बृहस्पतिवार को शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कंपनी ने कहा कि प्रबंधन का मानना है कि कंपनी की मौजूदा तरलता/ वित्तीय स्थिति को देखते हुए पुनर्खरीद से हमारे शेयरधारकों को फायदा होगा। पिछले साल के अंत में कंपनी के शेयर सूचीबद्ध हुए थे। इस साल यानी 2022 में व्यापक स्तर पर बिकवाली तथा कंपनी के मुनाफे को सवाल खड़े होने के बाद पेटीएम के शेयर 60 प्रतिशत टूटे हैं। सूत्रों ने कहा कि नियम किसी भी कंपनी को शेयर वापस खरीदने के लिए आईपीओ की आय का उपयोग करने से रोकते हैं।
पेटीएम ने पिछले साल नवंबर में आईपीओ के जरिये 18,300 करोड़ रुपये जुटाए थे। कंपनी ने पिछले महीने कहा था कि अगले 12-18 माह में यह मुक्त नकदी प्रवाह सकारात्मक हो जाएगा। सूत्रों ने संकेत दिया कि कंपनी नकदी प्रवाह सृजन के करीब है। इसका उपयोग कारोबार विस्तार के लिए किया जाएगा। पुनर्खरीद के लिए कंपनी आईपीओ की राशि का इस्तेमाल कर रही है, इस चर्चा के बीच सूत्रों ने कहा कि नियम किसी भी कंपनी को ऐसा करने से रोकते हैं। आईपीओ से प्राप्त आय का उपयोग केवल उस विशिष्ट उद्देश्य के लिए किया जा सकता है जिसके लिए निर्गम लाया गया था। इसकी निगरानी की जाती है। सूत्रों ने कहा कि इस बात की काफी संभावना है कि पेटीएम अपनी आईपीओ पूर्व नकदी का इस्तेमाल शेयर वापस खरीदने के लिए करेगी।
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