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पीएम मोदी ने किया’आदि महोत्सव’ का उद्घाटन, स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडे को दी श्रद्धांजलि

  • पीएम मोदी ने किया’आदि महोत्सव’ का उद्घाटन

  • स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा को दी श्रद्धांजलि

  • कार्यक्रम का आयोजन 16 से 27 फरवरी तक किया जाएगा

नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में मेगा नेशनल ट्राइबल फेस्टिवल ‘आदि महोत्सव’ का उद्घाटन किया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा को भी पुष्पांजलि अर्पित की।मुंडा जनजाति से संबंध रखने वाले बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर 1875 को हुआ था।

19वीं शताब्दी के अंत में ब्रिटिश शासन के दौरान उन्होंने आधुनिक बिहार और झारखंड के आदिवासी बेल्ट में एक भारतीय जनजातीय धार्मिक सहस्राब्दी आंदोलन का नेतृत्व किया था। उनकी जयंती देश में बिरसा मुंडा जयंती के रूप में मनाई जाती है। इसी दिन झारखंड स्थापना दिवस भी होता है।

                       Aadi Mahotsav | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 फरवरी को करेंगे 'आदि महोत्सव' का उद्घाटन | Navabharat (नवभारत)

प्रधानमंत्री कार्यालय के बयान में कहा गया, प्रधानमंत्री मोदी देश की जनजातीय आबादी के कल्याण के लिए लगातार कई तरह के कदम उठाते रहे हैं। इसके साथ ही वे देश की उन्नति और विकास में जनजातीय समुदाय के योगदान को उचित सम्मान भी देते रहे हैं।’आदि महोत्सव’ जनजातीय कार्य मंत्रालय के अधीन भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास महासंघ लिमिटेड की वार्षिक पहल है।

इस वर्ष इसका आयोजन 16 से 27 फरवरी तक दिल्ली के मेजर ध्यान चंद राष्ट्रीय स्टेडियम में किया जा रहा है। कार्यक्रम में 200 स्टॉल के माध्यम से देशभर के जनजातीय समुदायों की समृद्ध और विविधतापूर्ण धरोहर को प्रदर्शित किया जाएगा। महोत्सव में लगभग एक हजार जनजातीय शिल्पकार हिस्सा लेंगे।

                        Aadi Mahotsav: प्रधानमंत्री मोदी ने आदि महोत्सव का किया उद्घाटन

प्रधानमंत्री कार्यालय के बयान के अनुसार, आदि महोत्सव के तहत आदिवासी संस्कृति, शिल्प, भोजन, वाणिज्य और पारंपरिक कला की भावना का जश्न मनाया जाएगा। ये महोत्सव जनजातीय सहकारी विपणन विकास संघ लिमिटेड की एक वार्षिक पहल है।

                              प्रधानमंत्री कल करेंगे 'आदि महोत्सव' का उद्घाटन - हिन्दुस्थान समाचार
महोत्सव में लगभग 1000 आदिवासी कारीगर भाग लेंगे। पीएमओ ने कहा कि चूंकि 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मोटे अनाज के वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है, इसलिए हस्तशिल्प, हथकरघा, मिट्टी के बर्तन, आभूषण आदि जैसे सामान्य आकर्षणों के साथ, महोत्सव में जनजातीय समुदाय की ओर से उगाए गए ‘ श्री अन्न’ को प्रदर्शित करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

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