प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंदौर के लोगों की जामकर तारीफ की
130 करोड़ भारतवासियों की ओर से अभिनंदन
इंदौर ने अपने दिल के दरवाजे खोले
(मध्यप्रदेश डेस्क) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रवासी भारतीय सम्मेलन में भाग लेने के लिए एक दिनी प्रवास पर सोमवार को इंदौर पहुंचे.इस दौरान उन्होंने इंदौर के लोगों की जामकर तारीफ की.। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी, गुयाना के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद इरफान अली, केंद्रीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर, विदेश राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी, प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत तमाम अतिथि मौजूद रहे। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी, और गुयाना के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद इरफान अली ने प्रवासी भारतीय सम्मेलन को संबोधित किया।
पीएम मोदी ने कही कि इंदौर ने स्वच्छता के क्षेत्र में अलग पहचान साबित की है. खाने-पीने के मामले में इंदौर देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में लाजवाब है, यहां पोहे का पैशन, कचोरी, समोसे, शिकंजी, जिसने भी इसे देखा, उसके मुंह का पानी नहीं रुका. जिसने इसे चखा, उसने कहीं मुडकर नहीं देखा. 56 दुकान, सराफा प्रसिद्ध है ही. कुछ लोग इंदौर को स्वच्छता के साथ-साथ स्वाद की राजधानी भी कहते हैं. मुझे यकीन है कि आप यहां के अनुभव नहीं भूलेंगे. औरों को भी यहां आने को भेजेंगे.
पीएम नरेंद्र मोदी ने प्रवासी भारतीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि, आप सभी को 2023 की मंगलकामनाएं। करीब 4 वर्षों के बाद प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन एक बार फिर अपने मूल स्वरूप में अपने पूरी भव्यता के साथ हो रहा है। अपनों से आमने सामने की मुलाकात का आमने सामने की बात का अपना अलग ही आनंद ही होता है, और उसका महत्व भी होता है। मैं आप सभी का 130 करोड़ भारतवासियों की ओर से अभिनंदन करता हूं। स्वागत करता हूं, यहां उपस्थित प्रत्येक प्रवासी भारतीय अपने-अपने क्षेत्रों में असाधारण उपलब्धियों के साथ अपने देश की माटी को नमन करने आया है।
तो वहीं, मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने कहा आजादी के अमृत काल में मुझे ऐसा लग रहा है कि मध्य प्रदेश में अमृत वर्षा हो रही है. इंदौर ने अपने दिल के दरवाजे भी खोले हैं और अपने घरों के दरवाजे भी खोले हैं. प्रधानमंत्री के एक-एक मंत्र को मध्य प्रदेश ने साकार करने की कोशिश की है. आज भारत दुनिया को शांति और प्रेम का संदेश दे रहा है. पश्चिमी देश और रूस से अगर कोई कह सकता है तो वे केवल नरेंद्र मोदी जी हैं, जिन्होंने कहा कि युद्ध नहीं, शांति चाहिए.