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PM मोदी आज देश को समर्पित करेंगे काशी विश्वनाथ कोरिडोर,जानिए क्या हैं इसकी खूबियां

  • पूरे जिले में है उत्सव का माहौल
  • अपने घरों में दीपक जलाएंगे लोग
  • मंदिर के मुख्य प्रांगण को लाल बलुआ पत्थरों से किया गया निर्मित

नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपने ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन करेंगे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत तमाम लोग वाराणसी पहुंच चुके हैं। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकार्पण को लेकर पूरे जिले में उत्सव का माहौल है। कॉरिडोर के उद्घाटन के साथ पीएम मोदी कई अन्य धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे।

शहर की प्रमुख इमारतों पर होगी विशेष सजावट

इस दौरान 13 और 14 दिसंबर को गंगा घाटों के साथ शहर की प्रमुख इमारतों की विशेष रूप से सजावट होगी और रोशनियां की जाएंगी। यही नहीं लोग अपने घरों में दीपक जलाएंगे और काशी के तमाम परिवारों के साथ संवाद स्थापित किया जाएगा। विश्वनाथ कॉरिडोर पहुंचाने पर आपका स्वागत सबसे पहले एक बड़ा दरवाजा करेगा। यह दरवाजा उस विश्वनाथ कॉरिडोर का द्वार खोलता है जिसकी परिकल्पना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। इस दरवाजे के आर पार लगभग 50000 वर्ग मीटर में इस इस भव्य कॉरिडोर का निर्माण किया गया । जिसका काम अब अंतिम चरण में है और इसके लोकार्पण की तैयारी जोरों पर है।

दो भागों में बांटा गया है विश्वनाथ कॉरिडोर
कॉरिडोर को दो भागों में बांटा गया है, मंदिर के मुख्य परिसर को लाल बलुआ पत्थर के द्वारा निर्मित किया गया है, इसमें 4 बड़े बड़े गेट लगाए गए हैं। इसके चारों तरफ एक प्रदक्षिणा पथ बनाया गया है। उस प्रदक्षिणा पथ पर 22 संगमरमर के शिलालेख लगाए गए हैं जिनमें काशी की महिमा का वर्णन होगा।

कॉरिडोर का दूसरा भाग
काशी विश्वनाथ मंदिर के द्वार की दूसरी तरफ 24 भवनों का एक बड़ा कैम्पस बन रहा है जिसका मुख्य दरवाजा गंगा की तरफ ललिता घाट से आयेगा। इस परिसर में वाराणसी गैलरी काफी महत्वपूर्ण है. विश्वनाथ धाम के विस्तारीकरण और विकास के दौरान कुछ घरों से निकली मूर्तियां, पुराने घरों से निकले नक़्क़ाशीदार दरवाजे, खिड़कियों को भी धरोहर के रूप में वाराणसी गैलरी में प्रदर्शित करने की योजना है। काशी की आध्यात्मिक परंपरा को भी गैलरी में प्रदर्शित किया जाएगा।

यात्रियों की सुविधा के लिए होंगे 24 भवन
इसके अलावा यात्रियों के सुविधा के भवन होंगे। पूरे धाम में लगभग 50000 वर्ग मीटर में 24 भवन बनाए जा रहे हैं जिसमें मुख्य मंदिर परिसर, मंदिर चौक, मुमुक्षु भवन, सिटी गैलरी, जलपान के मल्टीपरपज हॉल, यात्री सुविधा केंद्र, इत्यादि भवन जो यहां के बड़े खूबसूरती साथ ही साथ गंगा स्थित गंगा व्यू कैफे, गंगा व्यू गैलरी बनाई जा रही है जिससे मां गंगा की सुंदर छटा दिखाई देगी। इस प्रोजेक्ट को बनाने का पूरा उद्देश्य एकमात्र यह था कि काशी के अध्यात्म, काशी की वास्तु कला को उठाते हुए पूरे प्रोजेक्ट में एक दिव्य अनुभूति कराते हुए श्रद्धालुओं को धार्मिक भाव जगाने की प्रेरणा देता है।

2 साल 8 महीने में बनकर तैयार हुआ कॉरिडोर
उल्लेखनीय है कि सन 1669 में अहिल्याबाई होल्कर ने काशी विश्वनाथ मंदिर का पुनरुद्धार कराया था। उसके लगभग 352 वर्ष बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके पुनरुद्धार के लिए 8 मार्च 2019 को विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर का शिलान्यास किया था। लगभग 2 साल 8 महीने में इस ड्रीम प्रोजेक्ट का 95% कार्य पूरा कर लिया गया है।

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