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उमेश पाल हत्याकांड मामले में पुलिस को मिली बड़ी सफलता, CCTV में कैद हुए आरोपी

  • उमेश पाल की शुक्रवार को निर्मम हत्या कर दी गई थी

  • FIR में 17 साल पुराने मामले का जिक्र

  • पोस्टमार्टम के पहले कराया गया अल्ट्रासाउंड

यूपी डेस्क: समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और उसके गनर की हत्या के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। घटना में शामिल 2 से 3 शूटर्स की पुलिस ने पहचान कर ली है। कई सीसीटीवी कैमरों के जरिये शूटर्स की कई तस्वीरें सामने आई है।

सीसीटीवी में उमेश पाल के घर के सामने अपराधी गोलियां और बम से हमले करते हुए कैद हुए हैं। मौके पर मौजूद लोगों के जरिये शूटर्स के स्केच भी पुलिस की तरफ से बनवाया गया है। चिन्हित किये गए शूटर्स को पकड़ने के लिए पुलिस और एसटीएफ की कई टीमों की तरफ से छापेमारी की जा रही है।

                                     

उमेश पाल की पत्नी जया पाल की शिकायत पर धूमनगंज थाना में अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ, उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन, उसके दो बेटों, उसके साथी गुड्डू मुस्लिम और गुलाम एवं नौ अन्य साथियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 147, 148, 149, 302, 307, 506, 120-बी, 34, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, 1908 की धारा 3 और आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 1932 की धारा 7 के तहत मामला दर्ज किया गया।

                               

जया पाल ने एफआईआर में आरोप लगाया है कि उनके पति उमेश पाल, विधायक राजू पाल हत्याकांड के चश्मदीद गवाह थे और वर्ष 2006 में पूर्व सांसद अतीक अहमद और उनके साथियों ने उमेश पाल का अपहरण कर अदालत में ले जाकर जबर्दस्ती अपने पक्ष में गवाही दिलाई थी। उमेश पाल ने अपहरण की प्राथमिकी लिखवाई थी और इस मामले में मुकदमा चल रहा है। जया पाल ने शिकायत में आगे कहा कि शुक्रवार को इसी मुकदमे में सुनवाई होनी थी जिसके लिए उमेश पाल अपने भतीजे की कार से अपने दो सुरक्षाकर्मियों- संदीप निषाद और राघवेंद्र सिंह के साथ जिला अदालत गए थे।

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आपको बता दें कि उमेश पाल पर शुक्रवार को जानलेवा हमला किया गया था, जिसके बाद उनकी मौत हो गई थी। गवाह बनने के बाद उमेश पाल की सुरक्षा में दो पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे, जिसके बाद बदमाशों की 3 गाड़ियां आई और उमेश पाल और सुरक्षाकर्मियों पर ताबड़तोड़ फायरिंग की गई। साथ ही देसी बमों से भी हमला किया गया। उमेश पाल को घायल अवस्था में अस्पताल भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल की हत्या के बाद शव का पोस्टमार्टम किया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उमेश को सात गोली लगने की पुष्टि हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक छह गोलियां उमेश के शरीर को भेदकर बाहर निकल गई थीं, जबकि सातवीं गोली शरीर में फंसी मिली। शरीर में कुल 13 जगह चोट के निशान मिले हैं। सभी गोलियां पिस्टल से मारी गई हैं।

उमेश पाल के शव का पोस्टमार्टम करने के पहले कॉल्विन अस्पताल में अल्ट्रासाउंड कराया गया। इसके बाद कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच तीन डॉक्टरों के पैनल ने शव का पोस्टमार्टम किया। पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी भी कराई गई है। कड़ी सुरक्षा के बीच दारागंज घाट पर उमेश पाल का अंतिम संस्कार कराया गया।

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