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ताजमहल की खूबसूरती पर प्रदूषण का ग्रहण, दो हजार से ज्यादा लोगों ने री-ट्वीट किया पोस्ट, मंडलायुक्त ने मांगा जवाब

  • ताज की खूबसूरती पर गंदगी का ‘ग्रहण’

  • 10 साल की पर्यावरणविद ने जताई चिंता

  • ‘गंदगी के लिए इंसान को धन्यवाद’

  • दो हजार से ज्यादा लोगों ने शेयर की पोस्ट 

आगरा: मुहब्बत की निशानी ताजमहल को इतनी खूबसूरती से बनवाया गया था कि, चांद भी शर्मा जाए. लेकिन अब इस ताजमहल के हालात वो हो चले हैं कि, देखने वाले को भी शर्म आ जाए क्योंकि, उसे बदहाल करने के जिम्मेदार भी हम हैं. आज ताजमहल के पीछे गंदगी का अंबार है. प्लास्टिक का कचरा दूर दूर तक फैला है. नतीजतन ताजमहल इस प्रदूषण के चलते अपनी रौनक खो रहा है. गंदगी के कारण विदेशी पर्यटक ऊब रहे हैं.

10 साल की पर्यावरणविद ने जताई चिंता

ताजमहल के आस पास फैली गंदगी इतनी बढ़ गई है कि, 10 साल के अंतरराष्ट्रीय पर्यावरणविद लिसिप्रिया कंगुजम ने ट्वीट कर इसपर गहरी चिंता जताई है. इस पोस्ट के बाद दो हजार से ज्यादा लोगों के ट्वीटर पर ये पोस्ट रि-ट्वीट हो चुकी है. इतने ज्यादा रि-ट्वीट ने आगरा के मंडलायुक्त की चिंता बढ़ा दी. जिसके बाद मंडलायुक्त ने संबधित विभाग से जल्द से जल्द जवाब तलब किया है.

दरअसल, लिसीप्रिया ने 21 जून को ट्विटर पर यमुना किनारे खड़े होकर अपना एक फोटो ट्वीट किया. उनके हाथ में एक पोस्टर है और पोस्टर पर लिखा है- “बिहाइंड द ब्यूटी ऑफ ताज महल, इट इज प्लास्टिक पॉल्यूशन। थैंक्स ह्यूमेन” ताजमहल देखने के दौरान आपने यह नजारा देखा होगा. आप कह सकते हैं कि यह बहुत प्रदूषित है, लेकिन आपके पॉलिथीन बैग का 1 टुकड़ा, एक साधारण प्लास्टिक की पानी की बोतल ने इस स्थिति का नेतृत्व किया, जब हर साल लाखों लोग आते हैं।

यमुना किनारे ट्वीट किया फोटो

लिसिप्रिया कंगुजम ने एक और ट्वीट भी किया जिसमें उन्होंने ताज की खूबसूरती की तारीफ भी की, लेकिन ताज के पीछे फैली गंदगी देखकर अच्छा नही लगा. उन्होंने लिखा कि, मैं 20 जून यानी सोमवार को आगरा पहुंची. मैंने ताजमहल का दीदार किया. मैंने पहली बार इसका वास्तविक रूप देखा. मैंने ताजमहल के साथ तस्वीरें लीं. यह मेरे जीवन का अनमोल क्षण है. ट्वीट में ताजमहल की प्रशंसा की गई मगर, जब लिसिप्रिया कंगुजम ताजमहल के पीछे बह रही यमुना के किनारे पहुंची तो उन्होंने ताजमहल के पीछे दम तोड़ रही यमुना नदी में प्लास्टिक और कूड़े के ढेर देखे. जिसके बाद उनके जहन ने इस बदहाली को बयां करने के लिए मजबूर कर दिया.

उनके इस फोटो को अभी तक 2000 से अधिक लोग भी ट्वीट कर चुके हैं. 7000 से अधिक लोगों ने लाइक किया है. यह पोस्ट वायरल होने के बाद आगरा मंडल के कमिश्नर अमित गुप्ता ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया. इसके बाद बुधवार को आगरा नगर निगम ने अधिकृत हैंडल से जवाब देते हुए कहा कि जब यमुना नदी में जलस्तर घट जाता है, तो प्लास्टिक कचरा इकट्ठा हो जाता है. हमारी टीम नियमित सफाई करती है. इसके साथ ही बुधवार को मौके की फोटो भी निगम ने ट्वीट किए हैं.

सबसे युवा पर्यावरणविद के रूप में मिली है ख्याति 

बता दें कि, असम के मनीपुर गांव में जन्मी लिसीप्रिया 6 वर्ष की उम्र से पर्यावरण संरक्षण को लेकर दुनिया भर में मुहिम चला रही है. 2019 में उन्होंने संसद भवन के सामने पर्यावरण परिवर्तन कानून और शिक्षा नीति में पर्यावरण को शामिल करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था. इसके बाद 2019 में ही उन्हें स्पेन के मैड्रिड शहर में आयोजित यूनाइटेड नेशंस क्लाइमेट कॉन्फ्रेंस (सीओपी- 25) में सबसे युवा पर्यावरणविद के रूप में ख्याति मिली. वह अब तक 32 देशों की 4 हजार से अधिक संस्थाओं के लिए भ्रमण कर चुकी हैं.

हम सिर्फ इतना कहना चाहते हैं कि, ये धरती हमारी जिम्मेदारी है, ये धरोहर भी हमारी जिम्मेदारी है इसलिए पर्यावरण को बचाए रखना हमारी सबसे पहली जिम्मेदारी है. सवाल ये है कि, 10 साल की पर्यावरणविद को जब ये दुर्दशा दिखाई दे सकती है तो हम इसे क्यों महसूस नहीं कर सकते ?

आगरा से बृज भूषण की रिपोर्ट

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