- आनंदगिरि चाहते हैं कि उनके केस की सुनवाई मध्य प्रदेश के जबलपुर कोर्ट में किया जाए
- मध्य प्रदेश सुनवाई के किए जाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर किया है
- सीबीआई के अधिवक्ता विरोध जताया कहा कि बुधवार को आरोप तय करने की तारीख तय की गई थी
प्रयागराज, अखबारवाला। जिला न्यायाधीश संतोष राय ने महंत नरेंद्र गिरि को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में चित्रकूट जेल में निरूद्ध
आनंद गिरि को अपने बचाव में दस्तावेजों को दाखिल किए जानेके लिए कोर्ट ने अंतिम मौका दिया है। अदालत ने कहा है कि 23 नवंबर तक वह सभी तरह के दस्तावेज दाखिल कर दें,अन्यथा, आरोप तय कर दिए जाएंगे।
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अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए 23 नवंबर की तिथि तय की है।इसके पूर्व केस की सुनवाई शुरू होते ही आनंद गिरि के अधिवक्ता ने कोर्ट में अर्जी दाखिल की और बताया कि उनकी ओर से सुप्रीम कोर्ट में विशेष याचिका दाखिल कर केस दूसरे प्रदेश में स्थानांतरण किए जाने की मांग की गई है। आनंदगिरि चाहते हैं कि उनके केस की सुनवाई मध्य प्रदेश की जबलपुर कोर्ट में किया जाए।सुप्रीम कोर्ट इस मामले में सुनवाई कर रहा है।इसके साथ ही जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल है।
हालांकि, मामले में सीबीआई के अधिवक्ता मो. फरीद और शासकीय अधिवक्ता गुलाब चंद्र अग्रहरि ने इस पर विरोध जताया। कहा कि बुधवार को आरोप तय करने के लिए तारीख तय की गई थी। जानबूझकर विलंब किया जा रहा है। सुनवाई के दौरान अभियुक्त आनंदगिरि, आद्या और संदीप तिवारी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उपस्थित रहे। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद मामले को 23 मई को फिर से पेश करने का निर्देश दिया।इसके साथ ही अदालत ने आद्या प्रसाद की अर्जी पर सुनवाई करते हुए उन्हें चिकित्सकीय सुविधा और मुकदमें से जुड़े सभी दस्तावेजों की द्वितीय प्रति उपलब्ध कराने का आदेश दिया।
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