स्लो प्वाइजन है चाइनीस फूड
एक शोध में हुआ खुलासा
कम खाएं या छोड़ ही दें
प्रयागराज: बच्चों से लेकर युवाओं तक में इन दिनों चाइनीज फूड का खासा क्रेज देखा जा रहा है। शादी पार्टी में भी इसके स्टॉल विशेष रूप से आयोजक लगवा रहे हैं। वहीं होटल, ढाबे रेस्टॉरेंट और चौपाटी के ठेलों में इनकी संख्या सबसे ज्यादा है। यह खबर उन लोगो के लिए बेहद खास है जिनको चाइनीस फूड और जंक फूड बेहद पसंद है। इलाहाबाद विद्यालय के एक प्रोफेसर ने अपने शोध में यह पाया है कि चाइनीज फूड जैसे चाउमिन, मोमोज, मंचूरियन साथ ही जंक फूड जैसे बर्गर, कबाब पराठा यह बेहद आपकी शरीर के लिए नुकसानदायक है। प्रोफेसर एस आई रिजवी प्रयागराज के इलाहाबाद विश्वविद्यालय के बायो केमिस्ट्री डिपार्टमेंट के प्रोफेसर है और डीन रिसर्च एंड डेवलपमेंट है।
ऐसे में चाइनीज फूड पर शोध करते हुए उन्होंने पाया कि चाइनीस फूड मैं इस्तमाल होने वाले अजीनोमोटो साल्ट शरीर के लिए काफी खतरनाक है। स्वाद को स्वादिष्ट बनाने के लिए आमतौर पर चाइनीस फूड में अजीनोमोटो साल्ट का इस्तमाल किया जाता है। जिसकी वजह से स्वाद दुगना हो जाता है। लेकिन इसके सेवन से हर वर्ग के लोगो को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। लोगों में हाइपर टेंशन, कार्डियक अरेस्ट या फिर दिमाग से संबंधित बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। आम तौर पर लोग चाइनीज फूड का सेवन अधिक करते हैं। यह हर जगह उपलब्ध रहता है। रेस्टोरेंट के साथ-साथ अब सड़क किनारे ठेले पर भी चाइनीज फूड और जंक फूड कि दुकानें लगी रहती है और हर रोज सैकड़ों और हजारों की संख्या में बच्चे, युवा, महिला, बुजुर्ग इसका सेवन कर रहे हैं।
प्रोफेसर रिजवी ने अपील की हैं की बच्चों में इसकी आदत बिल्कुल न डाले क्योंकि किसका असर शुरुवात मे नहीं लेकिन 8- 10 सालों में पता चलता है। प्रोफेसर रिजवी का कहना है कि जो लक्षण कोरोना संक्रमित मरीज पर दिखाई दिए थे। उसी तरह के लक्षण चाइनीज फूड के अधिक सेवन में भी देखने को मिले हैं। प्रोफेसर रिजवी ने यह भी कहा कि गर्भवती महिला को भी चाइनीस फूड का सेवन कम करना चाहिए। क्योंकि इसका सीधा असर नवजात बच्चे पर भी पड़ सकता है। उन्होंने खास बातचीत करते हुए अपील की है कि अगर शरीर को स्वस्थ रखना है तो घर मैं बने खाने की आदत डालें ।
प्रयागराज से अखबारवाला.कॉम के लिए सैय्यद आकिब रजा की रिपोर्ट।
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