उमेश पाल और एक अन्य की मौत: सूत्र
राजू पाल हत्याकांड मामला क्या था?
राजू पाल हत्याकांड का मुख्य आरोपी माफिया अतीक अहमद और अशरफ है
up Desk: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से बड़ी खबर सामने आई है. बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल को गोली मार दी गई है. घायलवस्था में उमेश पाल को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जानकारी के मुताबिक, उमेश पर सुलेम सराय स्थित उसके घर में घुसकर हमला किया गया है. वह साल 2005 में हुए बीएसपी विधायक राजू पाल हत्याकांड का गवाह है. राजू पाल हत्याकांड का मुख्य आरोपी माफिया अतीक अहमद और उसका भाई अशरफ है.
उमेश पाल और एक अन्य की मौत: सूत्र
जानकारी के मुताबिक, उमेश पाल के अलावा दो अन्य को भी इस हमले में गोली लगी है. सूत्रों के मुताबिक, हमले में उमेश पाल और एक अन्य की मौत हो गई है. हालांकि इन दोनों की मौत की आधिकारिक पुष्टि होना बाकी है. जिस दुस्साहस के साथ घर के अंदर घुसकर गोली मारी गई, उससे इलाके में दहशत है. बताया जा रहा है कि हमलावरों ने कुल 16 राउंड गोलियां चलाई थीं. 4 बजे तक उमेश पाल कचहरी परिसर में मौजूद थे, राजू पाल हत्याकांड मामले में शुक्रवार को ही उसकी गवाही थी.
राजू पाल हत्याकांड मामला क्या था?
25 जनवरी 2005 को बसपा विधायक राजू पाल पर गोलियों की बौछार कर दी गई थी, जब वे गाड़ी चला रहे थे. जीटी रोड पर अमितदीप मोटर्स के पास घटनास्थल पर गोलियों से छलनी Qualis और Scorpio गाड़ियों से घायलों को बाहर निकाला गया. राजू पाल को ऑटो के जरिए जीवन ज्योति हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. शूटआउट में संदीप यादव और देवीलाल भी मारे गए थे. बता दें कि शादी के नौ दिन बाद ही उनकी मौत हो गई थी.
घटना के बाद विधायक राजू पाल की नवविवाहिता पत्नी पूजा पाल ने धूमनगंज थाने में तत्कालीन सपा सांसद अतीक अहमद, उनके छोटे भाई अशरफ, करीबियों फरहान, आबिद, रंजीत पाल, गुफरान, समेत नौ लोगों के खिलाफ धारा 147, 148, 149, 307, 302. 120 बीस 506 आईपीसी और 7 सीएलए एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया था. अतीक अहमद तब फूलपुर से सपा सांसद था. उसके भाई अशरफ को अक्टूबर 2004 में हुए शहर पश्चिमी विधानसभा के उपचुनाव में राजू पाल के हाथों हार झेलनी पड़ी थी.