रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में सपा की हार
आजम खान के गढ़ और मुलायम व अखिलेश यादव के गढ़ में भाजपा की सेंध
सपा के गढ़ में निरहुआ की जीत काफी महत्वपूर्ण
यूपी डेस्क: उत्तर प्रदेश में रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में सपा को बड़ा झटका लगा है। सपा के कद्दावर नेता आजम खान के गढ़ रामपुर और मुलायम व अखिलेश यादव के गढ़ रहे आजमगढ़ में भाजपा ने जीत हासिल कर ली है।
आजम खान के हाथ से गया रामपुर
रामपुर सीट पर हुए संसदीय उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी घनश्याम लोधी ने 42,000 वोटों से जीत हासिल की है। उन्होंने आजम खान के करीबी माने जाने वाले आदिम रजा को हराकर यह जीत हासिल की है। हालांकि यह भी सच्चाई है कि घनश्याम लोधी एक जमाने में खुद भी आजम खां के करीबी रहे हैं।
उन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान सपा से इस्तीफा देकर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी और भाजपा ने इस बार उन्हें रामपुर से चुनाव मैदान में उतार कर आजम खां के किले को ध्वस्त कर दिया। उन्होंने खराब सेहत के बावजूद आसिम रजा का चुनाव प्रचार भी किया था।
सपा के गढ़ में निरहुआ की जीत काफी महत्वपूर्ण
आजमगढ़ को समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता रहा है। 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने जीत हासिल की थी जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में आजमगढ़ के मतदाताओं ने सपा मुखिया अखिलेश यादव को चुनकर लोकसभा भेजा था।
लेकिन इस बार हुए उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी दिनेश लाल यादव निरहुआ ने सपा प्रत्याशी और अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव को 11,212 मतों से पराजित किया है। सपा के गढ़ माने जाने वाले आजमगढ़ में निरहुआ की इस जीत को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। 2019 के चुनाव में तो उन्हें सपा मुखिया अखिलेश यादव से पराजित होना पड़ा था मगर इस बार उन्होंने जीत का परचम फहरा दिया है।