आरबीआई ने अपने रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट बढ़ोतरी का फैसला
मौद्रिक नीति समिति की बैठक में लिया निर्णय
एक महीने में दो बार रेपो रेट बढ़े
बिजनेस डेस्क: भारतीय रिजर्व बैंक ने अपने रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट या 0.50 फीसदी बढ़ोतरी का फैसला लिया। आरबीआई के इस नए फैसले के चलते बैंक की कई सेवाएं महंगी होने वाली है यानी अब पहले की अपेक्षा समान सेवा के लिए अधिक रुपए खर्च करने होंगे।
आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक में लिया निर्णय
आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक में सम्मिलित रूप से यह निर्णय लिया गया है। वर्तमान में पूरा देश महंगाई की मार झेल रहा है और ऐसे में आरबीआई का यह नया फैसला लोगों की मुश्किलें और बढ़ा सकता है। नए फैसले के तहत अब लोन की दरें बढ़ने के साथ ही ईएमआई में भी इजाफा देखा जाएगा।
एक महीने के अंतराल पर दो बार रेपो रेट बढ़े
RBI के रेपो रेट बढ़ाने के नए फैसले के चलते अब बैंकों का रेपो रेट 0.50 फीसदी बढ़कर 4.90 फीसदी हो गया है। इस भीषण महंगाई में लगभग एक महीने के अंतराल पर दो बार रेपो रेट बढ़ाने के आरबीआई के निर्णय के तहत लोन और ईएमआई में काफी इजाफा हुआ है।
बीते करीब 1 महीने पहले आरबीआई की आपात बैठक में रेपो रेट को 0.40 फीसदी तक बढ़ाने का फैसला लिया गया था। इसके बाद ये दरें 2020 से एतिहासिक निचले स्तर यानी चार फीसदी पर रहने के बाद अचानक से 4.40 फीसदी हो गईं। इस इजाफे के बाद आरबीआई गवर्नर ने भी पहले ही संकेत दे दिए थे कि रेपो दरों में जून में होने वाली बैठक में और बढ़ोतरी की जा सकती है।
दो बार रेपो बढ़ने के पीछे का असल कारण महंगाई है: गवर्नर
तीन दिवसीय मौद्रिक नीति समिति की बैठक के अंतिम दिन रेपो रेट बढ़ाने का यह निर्णय लिया गया है। जिसके मद्देनज़र आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की मानें तो बीते महीने भर में दो बार रेपो बढ़ने के पीछे का असल कारण लगातार आसमान छू रही महंगाई है।