राघवेंद्र सिंह को उपचार के लिए लखनऊ के एसजीपीजीआई रेफर किया
प्रयागराज के 20 से अधिक स्थानों पर दबिश
अतीक अहमद के खिलाफ गवाही देने पर मिली धमकी
सपा विधायक पूजा पाल ने मुख्यमंत्री से मांगी Y+ सुरक्षा
यूपी डेस्क: बहुजन समाज पार्टी विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल पर जानलेवा हमले में घायल हुए आरक्षी राघवेंद्र सिंह को बेहतर उपचार के लिए रविवार शाम लखनऊ के एसजीपीजीआई रेफर किया गया। उमेश पाल और उनके सुरक्षाकर्मी संदीप निषाद की शुक्रवार को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हमले में घायल हुए पाल के दूसरे सुरक्षाकर्मी राघवेंद्र सिंह को गंभीर हालत में यहां एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
प्रयागराज पुलिस के मीडिया प्रकोष्ठ द्वारा जारी सूचना के मुताबिक, सिंह के परिजनों की इच्छा और एसआरएन के चिकित्सकों की टीम की सलाह पर उन्हें बेहतर इलाज के लिए रविवार शाम एसजीपीजीआई लखनऊ रेफर किया गया।
मालूम हो कि शुक्रवार की शाम जब उमेश पाल एक केस की सुनवाई के बाद अदालत से घर लौटे तो अज्ञात बदमाशों ने घर के बाहर ही उन पर हमला बोल दिया। उमेश पाल जैसे ही अपनी कार से नीचे उतर हमलावरों ने उन पर गोलियां बरसानी शुरू कर दी। कहा जा रहा है कि हमलवार अदालत से ही उनका पीछा कर रहे थे। हमलावरों को देखते ही उमेश पाल सामने गली में अपने घर की ओर भागने लगे, लेकिन बदमाशों ने पीछा करते हुए उन पर गोलियां बरसाई और बमबाजी भी की। इस हमले में उमेश पाल और उनके गनर संजय निषाद की मौत हो गई।
वहीं अतीक के तीसरे बेटे असद, गुर्गे गुड्डू मुस्लिम, गुलाम और अरमान की सीसीटीवी फुटेज में पुष्टि होने के बाद उनकी तलाश की जा रही है। चारों के मोबाइल घटना के तुरंत बाद से बंद हैं। एसटीएफ की प्रयागराज यूनिट के साथ लखनऊ, वाराणसी और गोरखपुर की टीमों ने रविवार को तीन राज्यों में करीब 14 स्थानों पर दबिश देकर 40 संदिग्धों को उठाया है। सुबह ही पता चला था कि अतीक के कुछ गुर्गे नेपाल भागने की फिराक में हैं। बस्ती और गोरखपुर से चार लोगों को उठाया गया है।
रीवा के एक लॉज में छापेमारी कर पांच लोगों को हिरासत में लिया गया। इसी तरह पटना, लखनऊ, बरेली और कौशांबी से भी अतीक के गुर्गों को उठाया गया है। एसटीएफ के सूत्रों ने बताया कि शक के घेरे में आए सभी करीबियों को पकड़ा जा रहा है। उनके मोबाइल कॉल डीटेल्स और सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स को भी खंगाला गया है। अतीक गिरोह के अधिकांश गुर्गे इस समय भूमिगत हो गए हैं। उनके मोबाइल भी बंद हैं। जितने लोग पकड़े गए हैं, उनसे पूछताछ कर शूटरों के बारे में पता लगाया जा रहा है।
विधायक पूजा पाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर पूरी व्यथा बताई और मांग किया कि उन्हें Y+ की सुरक्षा प्रदान की जाए, जिससे वह सीबीआई कोर्ट में माफिया अतीक अहमद के खिलाफ गवाही दे सकें। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भरोसा दिलाया है कि उनकी और उनके परिजनों समेत अन्य गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।