यूपी डेस्क: अपने पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत 17 मई को समाजवादी विचारधारा से जुड़े सामाजिक संगठनों, वरिष्ठ पत्रकार, शिक्षविद, अधिवक्ता, सामाजिक कार्यकर्ता, राजनीतिक हस्तियों के आह्वाहन पर बलिया में “मजदूर बचाओ-देश बचाओ” नारे को ब्यापक जनसमर्थन मिलता दिखा। लोगों ने लॉकडाउन एवं सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए निर्धारित कार्यक्रम के तहत सरकार से श्रमिकों के दुर्दशा पर ध्यान देने के लिए सोशल मीडिया के विभिन्न मंचो के माध्यम से गुहार लगाई। जिसमें कहा गया कि सरकार का काम सिर्फ कानून बनाना, कानून का धौस देना ही नहीं है। बल्कि सरकार का काम है कि देश और प्रदेश के मेहनतकश आम नागरिक के जीवन की भी रक्षा करना है। जब देश के मजदूर अचानक हुए लॉक डाउन से भुखमरी के शिकार हो रहे हैं तथा अपने घरों को जाते समय काल के गाल में समा रहे हैं। ऐसे में देश और प्रदेश के मुखिया का चुप रह कर उन्हें उनके हाल पर छोड़ देना कही से भी देशहित और जनहित में नहीं है। ऊपर से सरकारों द्वारा श्रम कानूनों में श्रमिकों के अधिकारों में कटौती कर श्रमशक्ति को चिढ़ाने का काम कर रही है। लोगों ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि किसी भी देश के विकास की नींव मजदूर ही होते हैं श्रमशक्ति की अनदेखी कर कोई भी देश आगे नही बढ़ सकता है।
सपा नेता सुशील कुमार पाण्डेय”कान्हजी” ने बताया कि बलिया में सरकार से गुहार कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश बिधान सभा मे बिपक्ष के नेता रामगोविन्द चौधरी ने शुक्रवार को मजदूरों को सम्मानित किया। श्री चौधरी के निर्देशन में समाजवादी विचारक एवं जयप्रकाश नारायण विचार मंच के संयोजक द्विजेन्द्र मिश्र, लोकतंत्र सेनानी के जिला अध्यक्ष चंद्रशेखर सिंह, गैर राजनीतिक संगठन”सेवा”के प्रदीप जी, ब्यास यादव, ज्ञानेंद्र, सपा नेता अकमल नईम खा, राजेन्द्र यादव, अवनीश कुमार आदि की सक्रियता के कारण मजदूर बचाओ-देश बचाओ के गुहार की आवाज़ बलिया जनपद में और अधिक बुलंद हुई। इसी कड़ी में 16 मई 2020 की शाम को दीपक जला कर समाजवादी योद्धा जो कि 17 मई 1934 को पटना में पहली बार समाजवादी विचार मोर्चा को एक मंच “कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी” के नाम से दिया। साथ ही घर वापसी के दौरान बिभिन्न हादसों में मृत मजदूरों को भी श्रद्धांजलि दी गई।