सपा ने रोली तिवारी मिश्रा और ऋचा सिंह को पार्टी से निकाला
स्वामी प्रसाद मौर्य का बयान का किया था विरोध
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यूपी डेस्क: रामचरित मानस विवाद में समाजवादी पार्टी (SP) ने अपने दो तेज तर्रार नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। रोली तिवारी और ऋचा सिंह दोनों रामचरित मानस विवाद में स्वामी प्रसाद के खिलाफ मुखर होकर विरोध कर रही है। रामचरित मानस का समर्थन करने के चलते सपा ने अपने दो महिला नेताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया है।
विवाद की शुरुआत से ही ऋचा सिंह और रोली तिवारी खुलकर स्वामी प्रसाद का विरोध कर रही थीं। इन दोनों नेताओं के विरोध करने से पार्टी असहज महसूस कर रही थी। चूंकि, अखिलेश यादव ने भी इस मामले को हर कदम पर स्वामी प्रसाद मौर्या का समर्थन किया है, इसलिए इन दोनों नेताओं को पार्टी से निकाल दिया गया है।
रामचरित मानस विवाद के बाद से ही रोली तिवारी मिश्रा और ऋचा सिंह ने महिलाओं के मुद्दे को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ खुलेआम बयानबाजी की थी। पार्टी लाइन से हटकर भी दोनों ने स्वामी प्रसाद मौर्य की आलोचना की। हालांकि, इस दौरान सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव स्वामी प्रसाद मौर्य का ही साथ देते नजर आए। अब समाजवादी पार्टी ने सिर्फ एक लाइन ट्वीट करके ऐलान कर दिया है कि इन दोनों को पार्टी से निकाल दिया गया है।
वहीं एक अन्य ट्वीट में ऋचा सिंह ने लिखा, “माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष जी कम से कम निष्कासन का कारण तो बता देते जनता को।” दरअसल, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने ‘रामचरितमानस’ की कुछ चौपाई को दलितों और महिलाओं के प्रति अपमानजनक बताते हुए इस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। उनकी इस मांग पर संत समाज में खासी नाराजगी देखी गई थी। अभी तक इस पर बवाल मचा हुआ है।
कुछ समय पहले रोली तिवारी ने स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान को लेकर उनको घेरा था। ट्वीट कर रोली तिवारी ने लिखा था, ‘ब्राह्मण खतरे में हैं।’ इससे पहले भी ब्राह्मणों को लेकर रोली तिवारी ने ट्वीट किया था। तब उन्होंने कहा था, ‘जातीय जनगणना जरूरी काम है। जनगणना होने से शोषितों और वंचितों के लिए योजनाएं बनेंगी, सामाजिक समता समानता पर चर्चा होगी।’ उन्होंने कहा था कि स्वामी प्रसाद मौर्य इस मुहिम का बंटाधार करने पर लगे हैं। अब वह रामचरितमानस पर आ गए हैं। जब तक वह मेरे धर्मग्रंथ पर टिप्पणी करेंगे, मैं उनको छोड़ूंगा नहीं। इसके बाद उन्होंने एक और ट्वीट किया। इसमें उन्होंने लिखा, ‘सनातन धर्म के लिए यह संक्रमण काल है और जिस धर्म का अस्तित्व 6000 साल से कोई मिटा नहीं पाया, उसको चंद वोटों के लिए दलाल क्या मिटा पाएंगे?’
बता दें कि सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस को लेकर एक विवादित बयान दिया था। इस बयान में उन्होंने रामचरितमानस की चौपाईयों पर आपत्ति उठाई थी, उन्होंने कहा था कि रामचरितमानस में आपत्तिजनक अंश है, उसे बाहर करना चाहिए या इस पूरी पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए।