सपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 18 मार्च से
मिशन 2024 की तैयारियां हुई तेज
अखिलेश यादव की अगुवाई में पार्टी तय करेगी रणनीति
Up Desk: देश के तीन हिंदी भाषी राज्यों में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी भी रणनीति बनाने की तैयारी में जुट गई है। समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय महत्वपूर्ण बैठक 18 मार्च से कोलकाता में होने वाली है। इस बैठक को सियासी नजरिए से काफी अहम माना जा रहा है क्योंकि इस बैठक में मिशन 2024 के लिए सपा की रणनीति तैयार की जाएगी।
समाजवादी पार्टी के मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने हाल में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी का पुनर्गठन किया था। नवगठित कार्यकारिणी के सभी सदस्य इस महत्वपूर्ण बैठक में हिस्सा लेंगे। सियासी जानकारों के मुताबिक इस बैठक में राष्ट्रीय स्तर पर सपा की भूमिका पर भी चर्चा की जाएगी। कोलकाता में इससे पूर्व भी पांच बार सपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हो चुकी है। राष्ट्रीय महासचिव बनाए जाने के बाद शिवपाल सिंह यादव भी इस बैठक में हिस्सा लेंगे।
समाजवादी पार्टी के उपाध्यक्ष किरणमय नंदा ने बताया कि कोलकाता में 11 साल बाद राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की जा रही है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के लिए पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव 17 मार्च को ही कोलकाता पहुंच जाएंगे। कोलकाता में पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित करने के बाद वे 18 मार्च से होने वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की महत्वपूर्ण बैठक में हिस्सा लेंगे।
सपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के समर्थक को सियासी नजरिए से काफी अहम माना जा है। सपा उपाध्यक्ष ने कहा कि इस बैठक के दौरान राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के संबंध में गहराई से मंथन किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि अभी अखिलेश का पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिलने का कोई कार्यक्रम नहीं तय किया गया है मगर यदि ममता कोलकाता में रहेंगी तो दोनों नेताओं के बीच मुलाकात जरूर होगी। ममता ने पिछले साल उत्तर प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान सपा को समर्थन देने का ऐलान किया था।
इस बैठक के दौरान सपा राष्ट्रीय स्तर पर अपनी भूमिका के संबंध में भी चर्चा करेगी। 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ बनने वाले मोर्चे में सपा की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। अभी तक सपा की ओर से पीएम पद के लिए किसी भी पक्ष ही उम्मीदवार के समर्थन का ऐलान नहीं किया गया है। सपा मुखिया अखिलेश यादव हाल के दिनों में विपक्षी दलों की ओर से आयोजित कार्यक्रमों में हिस्सा लेते रहे हैं।
उन्होंने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की ओर से तेलंगाना में आयोजित सभा और अभी हाल में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन की ओर से चेन्नई में आयोजित कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया था। हालांकि अखिलेश यादव ने अभी तक गठबंधन के संबंध में अपने पत्ते नहीं खोले हैं। माना जा रहा है कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान इस मुद्दे पर चर्चा की जाएगी।
अमेठी से भी सपा प्रत्याशी उतारने का संकेत
वैसे अखिलेश यादव समय-समय पर उत्तर प्रदेश में किसी बड़े सियासी दल के साथ गठबंधन न करने की बात कहते रहे हैं। ऐसे में यह तय माना जा रहा है कि वे उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस या बसपा के साथ कोई गठबंधन नहीं करेंगे। उन्होंने गांधी परिवार का गढ़ माने जाने वाले अमेठी क्षेत्र से भी इस बार सपा का उम्मीदवार उतारने के संकेत दिए हैं। हालांकि इससे पहले सपा अमेठी में गांधी परिवार के खिलाफ प्रत्याशी उतारने से परहेज करती रही है।