भारतीय संसद ने भविष्य की तैयारी के लिए डिजिटलीकरण की ओर कदम बढ़ाया है
सामूहिकता की भावना से कार्य करेंगे और नशामुक्त भारत बनाने के लिए कार्य करेंगे
मादक पदार्थों का सेवन और इस समस्या से निपटने हेतु भावी योजना
गंगटोक। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बृहस्पतिवार को कहा कि चर्चा और संवाद लोकतंत्र की सबसे बड़ी शक्ति हैं तथा विधानमंडलों को बिना किसी व्यवधान के लोगों की समस्याओं के समाधान का मंच और मर्यादित चर्चा संवाद का केंद्र बनना चाहिए। राष्ट्रमंडल संसदीय संघ भारत क्षेत्र के 19वें वार्षिक जोन 3 सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, ‘चर्चा एवं संवाद ही लोकतंत्र की सबसे बड़ी शक्ति है।
ये भी पढ़ें –बुनियादी ढांचे पर योगी सरकार का फोकस,2024 चुनाव पर सरकार की निगाहें
विधानमंडल, लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए एक मंच और मर्यादित चर्चा संवाद के ऐसे केंद्र बनें जिनमे कोई व्यवधान ना हो। उसी स्थिति में हमारी जनता की लोकतंत्र में, लोकतांत्रिक संस्थाओं में आस्था बढ़ेगी और हमारा लोकतंत्र मज़बूत होगा।’’
बिरला ने कहा कि आज सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से संसद एवं विधायिका और जनता के बीच में सक्रिय भागीदारी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, लेकिन इन्हें और सक्रिय भागीदारी निभानी है। डिजिटल संसद का जिक्र करते हुए बिरला ने कहा कि प्रौद्योगिकी की सहायता से विधायिका के कामकाज को जनता तक पहुंचाया जा रहा है और सोशल मीडिया के माध्यम से उनके साथ संवाद भी किया जा रहा है।
लोकसभा सचिवालय के बयान के अनुसार, उन्होंने कानून बनाने की प्रक्रिया में लोगों की अधिक से अधिक भागीदारी का आह्वान किया ताकि लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं के अनुसार कानून बनाए जा सकें। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा,‘सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग शासन में दक्षता में सुधार और लोगों के जीवन में सुधार के लिए किया जाना चाहिए।लेकिन साथ ही संस्थानों और लोगों को इसके दोषों से बचाने के लिए सुरक्षा उपाय किए जाने चाहिए।’’ मादक पदार्थों का सेवन और इस समस्या से निपटने हेतु भावी योजना’ का संदर्भ में बिरला ने कहा कि मादक पदार्थों के सेवन के कारण नौजवान पीढ़ी पर असर पड़ रहा है और यह समस्या मात्र पूर्वोत्तर क्षेत्र की ही नहीं, बल्कि पूरे भारत की समस्या है। उन्होंने संसद में इस बिषय पर 20 और 21 दिसंबर 2022 को हुई विस्तृत चर्चा की जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि इस विषय पर विस्तृत और गहन चर्चा के बाद सदन से यह विचार सामने आया कि सदस्य पूरे देश के अंदर व्यापक जन जागरण अभियान चलाकर युवाओं में मादक पदार्थों के सेवन की बढ़ती समस्या को समाप्त करने के लिए सामूहिकता की भावना से कार्य करेंगे और नशामुक्त भारत बनाने के लिए कार्य करेंगे।
सम्मेलन में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने कहा कि भारतीय संसद ने भविष्य की तैयारी के लिए डिजिटलीकरण की ओर कदम बढ़ाया है तथा विधायी निकायों के साथ जनता का संपर्क बढ़ाने के लिए नए आईटी सुधार किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस दिशा में डिजिटल संसद ऐप और राष्ट्रीय ई-विधान एप्लीकेशन क्रांतिकारी कदम हैं।
इस अवसर पर सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने कहा कि आज के समय में पूर्वोत्तर क्षेत्र राजनीतिक मंच से विकास के मंच के रूप में परिवर्तित हो चुका है। क्षेत्र में हुए कई विकास कार्यों का उल्लेख करते हुए तमांग ने कहा कि बहु आयामी जैसे आधारभूत ढांचा विकास से प्रदेश और क्षेत्र ने अभूतपूर्व प्रगति देखी जा सकती है।
यह भी पढ़ें:भाजपा पर अखिलेश यादव का तंज, बोले- कम से कम पूजा-पाठ को तो दिखावे का विषय न बनाए