अमृतकाल का बजट जो जनता को संजीविनी देगा
उत्तराखण्ड की अलग पहचान बनाने का पूरे विश्व मे है, साधन
5 ट्रिलियन यूएस डाॅलर की अर्थव्यवस्था बनाने का बजट
उत्तराखण्ड डेस्क: धामी सरकार के 2023-24 के प्रस्तावित बजत को अगर संक्षिप्त शब्दों मे कहें तो ये है अमृतकाल का बजट जो जनता को संजीविनी देगा इस बजट मे विजन है जो अगले 25 साल के विकास का टूल है। बेरोजगारी दूर करने का रास्ता है। उत्तराखण्ड की अलग पहचान बनाने का पूरे विश्व मे साधन है और भारत की अर्थ व्यवस्था को ,5 ट्रिलियन यूएस डाॅलर की अर्थव्यवस्था बनाने का बजट है।
धामी सरकार का वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट लगभग 77 हजार करोड़ रुपए का है। जो कि पिछले साल के मुकाबले 18 फीसदी ज्यादा है। सरकार को 76592 करोड़ रुपए की कुल प्राप्त होने की संभावना है। कुल मिलाकर, राज्य सरकार ने 4310 करोड़ रुपए का सरप्लस बजट पेश किया है। साथ ही पूंजीगत प्रतिव्यय में 21फीसदी की वृद्धि हुई है। इसके अलावा जोशीमठ समेत अन्य स्थानों में भू-धंसाव के अंतर्गत राहत कार्य के लिए 1000 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
बजट में प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने पर जोर दिया गया है। इसके लिए तमाम वर्गों को साधने की कोशिश की गई है। पुष्कर सिंह धामी सरकार के बनने के बाद दूसरा बजट प्रदेश के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी की नीतियों को जमीन पर उतारने की कोशिश बजट में दिखी है। बजट में किसानों, बागवानों, व्यापारियों, महिलाओं, युवाओं, पूर्व सैनिकों और कमजोर वर्ग को साधने का प्रयास किया गया। बजट में प्रदेश में जी-20 के आयोजन के लिए 100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है केन्द्र सरकार की भागीदारी भी होगी और ये कदम उत्तराखण्ड को दुनिया भर मे एक पर्यटन स्थल बनाने मे एक महत्वपूर्ण कदम है . ! इस बजट मे शहर से लेकर गांवों तक और महिलाओं से लेकर युवाओं, पूर्व सैनिकों, किसानों और कमजोर वर्ग सभी का उचित ख्याल रखा गया है जो अमृत-काल के अगले 25 वर्षों का विजन रखता है।
बजट में स्वरोजगार पर विशेष फोकस किया गया है। सरकार ने युवाओं को नौकरी देने की बजाय नौकरी देने वाला बनाने पर जोर दिया गया है। इसके लिए पर्यटन, ऊर्जा, कृषि, उद्यान, पशुपालन, मत्स्य पालन क्षेत्र में बजट के विशेष प्रावधान किए गए हैं। ताकि स्वरोजगार की इन योजनाओं के जरिए युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के साथ ही पलायन के संकट से निजात पाई जा सके। सरकार ने बजट में स्वरोजगार योजनाओं के लिए 1700 करोड़ का प्रावधान किया गया है। बजट में स्वरोजगार पर ध्यान केंद्रित कर सरकार ने युवा वर्ग को यह संदेश देने की कोशिश की कि वह युवा वर्ग के भविष्य को संवारने को भी तत्पर है।