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लखनऊ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर को थप्पड़ मारने वाला छात्र निष्कासित, जानें क्या है पूरा मामला

  • प्रोफेसर को थप्पड़ मारने वाला छात्र निष्कासित 

  • प्रदर्शन के दौरान प्रोफेसर को जड़ा था थप्पड़

यूपी डेस्क: तीन महीने बाद लखनऊ यूनिवर्सिटी ने हिंदी विभाग में एक एसोसिएट प्रोफेसर को थप्पड़ मारने के एमए प्रथम वर्ष के दूसरे सेमेस्टर के छात्र कार्तिक पांडे को निष्कासित कर दिया है। इसकी जानकारी देते हुए रजिस्ट्रार विद्यानंद त्रिपाठी ने कहा, “विश्वविद्यालय ने न केवल कार्तिक पांडे को निष्कासित कर दिया है, बल्कि भविष्य में उसे यूनिवर्सिटी या यूनिवर्सिटी के किसी अन्य संबद्ध कॉलेज में दाखिला नहीं दिया जाएगा।”

जानिए क्या था पूरा मामला

18 मई को कार्तिक पांडे ने एक विरोध प्रदर्शन के दौरान दलित एसोसिएट प्रोफेसर रविकांत चंदन को थप्पड़ जड़ दिया था। काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी जटिल विवाद पर एक ऑनलाइन बहस के दौरान अपनी कथित टिप्पणी के लिए प्रोफेसर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। 10 मई को छात्रों के एक वर्ग ने प्रोफेसर रविकांत चंदन का घेराव किया, जिन्होंने आरोप लगाया कि उन्होंने उन्हें जान से मारने की धमकी दी थी, तब कैंपस में भारी हंगामा हुआ था।

छात्र की प्रतिक्रिया

अपने निष्कासन पर प्रतिक्रिया देते हुए छात्र कार्तिक पांडे ने कहा, “विश्वविद्यालय मेरे साथ अन्याय कर रहा है। मामला अदालत में लंबित था।”

पीड़ित प्रोफेसर की प्रतिक्रिया

वहीं प्रोफेसर रविकांत चंदन ने बुधवार को कहा, “देर से सही, मगर कार्रवाई हुई। मुझे खुशी है कि कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय और विश्वविद्यालय प्रशासन ने 18 मई की घटना पर ध्यान दिया, जब एक छात्र ने मुझे थप्पड़ मारा था। मुझे उम्मीद है कि विश्वविद्यालय 10 मई को मुझे जान से मारने की धमकी देने वाले छात्रों के समूह के खिलाफ भी कार्रवाई करेगा।” एलयू टीचर्स एसोसिएशन ने भी इस फैसले का स्वागत किया है।

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