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कॉन्डम को इस्तेमाल करने से पहले जान लें इसके साइड इफेक्ट्स

  • कंडोम आपके लिए फायदेमंद है 

  • कॉन्डम का ज़्यादा इस्तेमाल आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक 

  •  जानें कंडोम के कुछ साइड इफेक्ट्स 

 Lifestyle News: कंडोम, बर्थ कंट्रोल के लिए इस्तेमाल किए जाने वाला पॉपुलर तरीका है। यह सस्ता और इसका इस्तेमाल बेहद आसान है, जिससे आपको कई तरह के STI और अनचाही प्रेग्नेंसी से सुरक्षा मिलती है। कंडोम बेशक आपके लिए फायदेमंद होता है, लेकिन इसका ज़्यादा इस्तेमाल आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी हो सकता है। आइए हम आपको कंडोम के कुछ साइड इफेक्ट्स के बारे में बताते हैं।

खुजली, दर्द और पीड़ा

आमतौर पर जब पति-पत्नी या सेक्स पार्टनर कंडोम प्रयोग करते वक्त सफाई का ध्यान नहीं रखते है तो वो खुजली के शिकार हो जाते हैं। महिलाओं पर यह प्रभाव बहुत ज्यादा होता है जो कि दर्द और पीड़ा का पर्याय बनता है।

लैटेक्स एलर्जी

नंबे प्रतिशत कंडोम लैटेक्स से बनते हैं जो कि रबर पेड़ से प्राप्त होता है लेकिन इस लैटेक्स से कुछ लोगों को एलर्जी होती है, जिससे कि लोगों को छींक, खांसी जैसी बीमारियां हो रही है, यह अस्थमा रोगियों के लिए काफी खतरनाक हो सकता है। हालांकि इस एलर्जी का प्रतिशत बहुत कम है लेकिन फिर भी है।

बॉडी पार्ट घायल

कंडोम का प्रयोग रोज-रोज करने पर प्राईवेट पार्ट चोटिल होता है जो कि कई संक्रमण का कारण बनता है और कई रोगों को जन्म देता है।

अनचाहा गर्भ

वैसे तो कंडोम का प्रयोग हमेशा अनचाहे गर्भ से बचने के लिए किया जाता है लेकिन ऐसा केवल 98 प्रतिशत केसेज में ही होता है इसलिए आपके साथ कोई अनहोनी ना हो इसलिए आप हमेशा फ्रेश कंडोम को प्रयोग करें।

यौन संचारित रोगों (STI) का जोखिम

बेशक कंडोम से एचआईवी और क्लैमाइडिया और एचपीवी जैसे अन्य बीमारियों का ख़तरा कम होता है, लेकिन इससे कई यौन संचारित रोगों का जोखिम बढ़ता भी है। कंडोम बाहरी त्वचा को सुरक्षित नहीं रख पाता है, जिससे खुजली और इन्फेक्शन का ख़तरा रहता है। दी अमेरिकन सोशल हेल्थ एसोसिएशन के अनुसार, कंडोम जननांग दाद के ख़तरे को कम कर सकता है, लेकिन स्किन के हर हिस्से की सुरक्षा नहीं कर सकता, जिससे यौन संचारित रोगों का ख़तरा रहता है।

पार्टनर की सेहत को जोखिम

अमेरिका के दो डॉक्टरों का दावा है कि कंडोम से महिलाओं में कैंसर होने का जोखिम भी रहता है। इनके अनुसार, कंडोम पर पाउडर और लुब्रिकेंट का इस्तेमाल किया जाता है। कई अध्ययन के अनुसार पाउडर से ओवेरियन कैंसर का ख़तरा होता है और फैलोपियन ट्यूब पर फाइब्रोसिस महिला को बांझ बना सकते हैं।

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