अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के श्याम मानव की सुरक्षा अचानक बढ़ा दी गई
श्याम मानव को लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही थीं
अंधविश्वास फैलाना बंद करें
(नेशनल डेस्क) बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र शास्त्री को चुनौती देने वाले अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के उपाध्यक्ष श्याम मानव की सुरक्षा अचानक बढ़ा दी गई है.श्याम मानव को लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही थीं. अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति के श्याम मानव ने धीरेंद्र शास्त्री पर अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगाया है. उनका आरोप है कि बाबा के पास कोई सिद्धी नहीं है. बाबा ढोंग रच रहे हैं . श्याम मानव ने बाबा को चुनौती दी थी कि वो नागपुर में उनके मंच पर आएं और अपना चमत्कार दिखाएं. अगर वो ऐसा करेंगे तो उन्हें 30 लाख रुपए दिए जाएंगे.
लेकिन अब इसे और ज्यादा बढ़ा दिया गया है. यह कदम उन्हें जान से मारने की धमकी मिलने के बाद उठाया गया है. पहले श्याम मानव की सुरक्षा में महाराष्ट्र स्पेशल प्रोटेक्शन यूनिट के 2 जवान तैनात रहते थे. इनके पास हथियार भी होता था.लेकिन अब उनके साथ SPU के 2 जवानों के अलावा दो गनमैन और 3 पुलिसकर्मी भी मौजूद रहेंगे.
श्याम मानव बागेश्वर धाम वाले बाबा को खुली चुनौती दे रहे हैं कि नागपुर में आकर उनके लोगों के सामने ‘चमत्कार’ दिखाएं। वरना अंधविश्वास फैलाना बंद करें। श्याम मानव तो खुद दावा करते हैं कि वे आज तक इस तरह के हजारों बाबाओं को एक्सपोज कर चुके हैं। बागेश्वर धाम के आचार्य धीरेंद्र शास्त्री को भी वैज्ञानिक प्रक्रिया से जांच की चुनौती स्वीकार करनी चाहिए।
श्याम मानव बनाम बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र कुमार शास्त्री के विवाद की शुरुआत तब हुई जब 5 से 13 जनवरी 2023 को महाराष्ट्र के नागपुर में रामकथा का आयोजन हुआ था। तब श्याम मानव ने धीरेंद्र शास्त्री के दिव्य दरबार के खिलाफ नागपुर में अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति ने बागेश्वर महाराज के खिलाफ पोल खोल सभा का आयोजन किया था। सभा में महाराष्ट्र राज्य अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के प्रमुख श्याम मानव का भाषण समाप्त होने के बाद बागेश्वर धाम महाराज के कुछ समर्थकों ने नारेबाजी कर दी थी। श्याम मानव ने आचार्य धीरेंद्र कुमार शास्त्री को चुनौती दी कि वे आकर अपना चमत्कार दिखा दें, लेकिन बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने ऐसा नहीं किया।
महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति भारत में अंधविश्वास से लड़ने के लिए समर्पित एक संगठन है , विशेष रूप से महाराष्ट्र राज्य में । इसकी स्थापना 1989 में नरेंद्र दाभोलकर ने की थी। 2010 से इस संगठन का नेतृत्व अविनाश पाटिल कर रहे हैं।
MANS लंबे समय से महाराष्ट्र में लोगों के अंधविश्वासों के शोषण को रोकने के लिए एक कानून के लिए अभियान चला रहा था। 1989 में पुणे में आयोजित अंधश्रद्धा निर्मूलन जहीरनामा परिषद में तत्कालीन मुख्यमंत्री शरद पवार ने उस दिशा में एक कानून बनाने का संकेत दिया था। 1995 में विधान परिषद में इस मुद्दे को फिर से उठाया गया था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, समिति ने 1999 में कथित चमत्कारों के लिए मदर टेरेसा को संत की उपाधि देने का विरोध किया था. हालांकि, समिति ने बीमार लोगों की सेवा के लिए उनकी तारीफ भी की थी.इस समिति ने नदियों में गणेश मूर्तियों की विसर्जन के खिलाफ भी अभियान चलाया था.2011 में समिति ने मानसिक रूप से बीमार लोगों को ‘चमत्कार’ से ठीक किए जाने के नाम पर टॉर्चर करने का विरोध किया था.