मायावती का योगी सरकार पर हमला
‘सरकार की नीतियां तानाशाही वाली’
‘छात्रों की मांग पर विचार करे सरकार’
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में विपक्षी दलों के प्रदर्शन तथा धरना को सरकार के बलपूर्वक रोकने को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने भारतीय जनता पार्टी पर तल्ख टिप्पणी की है। योगी आदित्यनाथ सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए मायावती ने भाजपा की प्रवृति को तानाशाही बताया है। गौरतलब है कि प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के विधायकों ने सोमवार को मंहगाई और बेरोजगारी सहित अन्य समस्याओं के विरोध में सपा कार्यालय से विधान सभा तक पैदल मार्च निकाला था। पुलिस ने इसकी अनुमति नहीं लेने का हवाला देते हुए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की अगुवाई में सपा विधायकों को राजभवन से पहले ही रोक कर आगे नहीं बढ़ने दिया।
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1. विपक्षी पार्टियों को सरकार की जनविरोधी नीतियों व उसकी निरंकुशता तथा जुल्म-ज्यादती आदि को लेकर धरना-प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं देना भाजपा सरकार की नई तानाशाही प्रवृति हो गई है। साथ ही, बात-बात पर मुकदमे व लोगों की गिरफ्तारी एवं विरोध को कुचलने की बनी सरकारी धारणा अति-घातक।
— Mayawati (@Mayawati) September 20, 2022
बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने आज मंगलवार को तीन ट्वीट कर बीजेपी पर बड़ा हमला बोला है। मायावती ने कहा कि विपक्षी पार्टियों को सरकार की जनविरोधी नीतियों व उसकी निरंकुशता तथा जुल्म-ज्यादती आदि को लेकर धरना-प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं देना भाजपा सरकार की नई तानाशाही प्रवृति हो गई है। इसके साथ ही साथ यहां पर बात-बात पर मुकदमे व लोगों की गिरफ्तारी एवं विरोध को कुचलने की सरकारी धारणा अति-घातक है।
2. इसी क्रम में इलाहाबाद विश्वविद्यालय द्वारा फीस में एकमुश्त भारी वृद्धि करने के विरोध में छात्रों के आन्दोलन को जिस प्रकार कुचलने का प्रयास जारी है वह अनुचित व निन्दनीय। यूपी सरकार अपनी निरंकुशता को त्याग कर छात्रों की वाजिब माँगों पर सहानुभतिपूर्वक विचार करे, बीएसपी की माँग।
— Mayawati (@Mayawati) September 20, 2022
इसके साथ ही मायावती ने योगी सरकार पर आंदोलनों को कुचलने का आरोप लगाते हुए इस रवैये की निंदा की। उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्रों के आंदोलन पर पुलिस कार्रवाई का मुद्दा उठाते हुए कहा कि इसी क्रम में इलाहाबाद विश्वविद्यालय द्वारा फीस में एकमुश्त भारी वृद्धि करने के विरोध में छात्रों के आन्दोलन को जिस प्रकार कुचलने का प्रयास जारी है वह अनुचित व निन्दनीय। यूपी सरकार अपनी निरंकुशता को त्याग कर छात्रों की वाजिब माँगों पर सहानुभतिपूर्वक विचार करे, बीएसपी की माँग। उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, बदहाल सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य व कानून व्यवस्था आदि के प्रति यूपी सरकार की लापरवाही के विरुद्ध धरना-प्रदर्शन नहीं करने देने व उन पर दमन चक्र के पहले भाजपा जरूर सोचे कि विधान भवन के सामने बात-बात पर सड़क जाम करके आमजनजीवन ठप करने का उनका क्रूर इतिहास है।