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UP News: राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन को लेकर हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी, कहा- केवल पैसे बांटने की मशीन बनकर रह गया है मिशन

  • राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन को लेकर हाईकोर्ट सख्त

  • ‘पैसे बांटने की मशीन बनकर रह गया है मिशन’

  • 1 नवंबर को होगी मामले की अगली सुनवाई

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गंगा प्रदूषण के मामले में दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन पर गंभीर टिप्पणी की है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि स्वच्छ गंगा के लिए राष्ट्रीय मिशन का काम आंखों में धूल है। कोर्ट ने कहा कि यह मिशन महज पैसे बांटने की मशीन बनकर रह गया है। बजट के पैसों से गंगा की सफाई हो रही है या नहीं, इसकी न तो निगरानी हो रही है और न ही जमीनी स्तर पर कोई काम दिख रहा है। यह टिप्पणी मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल, न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता और अजीत कुमार की पूर्ण पीठ ने गंगा प्रदूषण मामले में सुनवाई के दौरान उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर मिशन के बजट का ब्योरा मांगने के लिए की।

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मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की अगुवाई वाली खंडपीठ ने सोमवार को सुनवाई के दौरान मिशन की ओर से बांटे गए बजट का ब्योरा जाना। पूछा कि गंगा सफाई के लिए खर्च किए गए करोड़ों रुपये के बजट से काम हुआ या नहीं तो कोर्ट को कोई जवाब नहीं मिला। इसकेपूर्व सुनवाई शुरू होते ही कोर्ट ने क्रमश: एनएमसीजी, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, जल निगम ग्रामीण एवं शहरी, नगर निगम प्रयागराज सहित कई विभागों की ओर से दाखिल किए गए हलफनामे को रिकॉर्ड पर लिया और बारी-बारी से उस पर जानकारी मांगी।

कोर्ट को प्रयागराज नगर निगम की ओर से बताया गया कि नालों की सफाई के लिए प्रतिमाह 44 लाख रुपये खर्च हो रहे हैं। इस पर कोर्ट ने हैरानी जताई। कहा कि साल भर में करोड़ों खर्च हो रहे हैं फिर भी स्थिति वही है। यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बताया कि उसको अब तक 332 शिकायतें मिली हैं। 48 में सजा हो चुकी है। बाकी के खिलाफ कार्रवाई प्रक्रिया में है। कोर्ट ने यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के हलफनामे में पाया कि उसके पिछले आदेश के बाद यूपी प्रदूषण बोर्ड ने कार्रवाई शुरू की है। कोर्ट ने सभी विभागों को निर्देश दिया कि वे न्यायमित्र अरुण कुमार गुप्ता, याचिकाकर्ता वीसी श्रीवास्तव सहित अन्य याचियों को हलफनामे की कापी उपलब्ध कराएं। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए एक नवंबर की तारीख तय की है।

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