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UP News: होटल लेवाना अग्निकांड मामला, मृतक जसप्रीत की मां ने एलडीए वीसी समेत 21 लोगों पर मामला दर्ज करने की दी अर्जी

  • लखनऊ में होटल लेवाना अग्निकांड

  • मृतक जसप्रीत की मां ने कोर्ट में दी अर्जी

  • जसप्रीत कौर की अग्निकांड में हुई थी मौत

लखनऊ : यूपी की राजधानी लखनऊ में 5 सितंबर को लेवाना होटल अग्निकांड मामले में विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष इंद्रमणि त्रिपाठी सहित 21 लोगों पर रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए कोर्ट में अर्जी दी गई है। अग्निकांड में जिन चार लोगों की मौत हुई थी उनमें से एक मेकअप डिजाइन आर्टिस्ट की मां ने अपनी बेटी जसमीत कौर की मौत के आरोप को लेकर जिम्मेदार अफसरों पर रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए कोर्ट में अर्जी दी है। जिस पर अब सीजेएम रवि कुमार गुप्ता की कोर्ट 9 नवंबर को सुनवाई करेगी। कोर्ट ने इसके लिए हजरतगंज थाने से रिपोर्ट भी तलब की है।

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वादी अरविंदर कौर की ओर से वकील आशीष गुलाटी ने यह अर्जी दाखिल की है। इसमें एलडीएच एबीसी के साथ अग्निशमन विभाग के अधिकारी व आबकारी विभाग के अफसरों को भी आरोपी बनाया गया है। अर्जी में कहा गया है कि बीते 5 सितंबर 2022 की सुबह 7 बजे हजरतगंज स्थित होटल में आग लगने से उनकी बेटी जसप्रीत की मौत हो गई थी। वह 4 सितंबर को होटल में ले आना फॉर्म की ओर से आयोजित इवेंट में गई थी। होटल में लापरवाही के चलते बड़ा हादसा हुआ। जिससे उनकी बेटी की जान चली गई। इसके लिए सभी अधिकारी जिम्मेदार हैं। मुकदमा कराने के लिए पुलिस आयुक्त से लेकर कई बड़े अधिकारियों को अर्जी दी लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। जिसके बाद अरविंदर कौर अब कोर्ट में मुकदमा दर्ज कराने के लिए याचिका दाखिल की है।

वहीं अग्निकांड के बाद लेवाना सुइट्स के मालिक को की अग्रिम जमानत पर हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। घटना के बाद से इसके मालिक जेल में बंद है और निचली अदालत से राहत ना मिलने के बाद उन्होंने इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में जमानत अर्जी दाखिल कर रखी है। जिस पर सुनवाई के दौरान सोमवार को न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की एकल पीठ के समक्ष अग्रिम जमानत याचिका पर बहस हुई। गौरतलब है की होटल लेवाना में पांच स‍ितंबर को सुबह करीब सात बजे भीषण आग लग गई थी। अग्निकांड में लखनऊ के चार लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जांच के आदेश दिए थे। इसके बाद पुलिस आयुक्त और मंडलायुक्त को जांच सौंपी गई थी। मंडलायुक्त की प्रारंभिक जांच में लखनऊ विकास प्राधिकरण, अग्निशमन विभाग और आबकारी के कई अफसर दोषी पाए गए थे, जिनके खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की गई थी।

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