मायावती ने किसानों की अनदेखी पर जताई चिंता
‘लंपी बीमारी पर ध्यान दे सरकार’
‘किसानों के बकाया का तत्काल करे भुगतान’
लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने गुरुवार को ट्वीट कर केंद्र और प्रदेश सरकार पर हमला बोला है। आज बसपा सुप्रीमो मायावती ने गन्ना किसानों के भारी बकाया के भगुतान और लंपी बीमारी से जानवरों की मौत मामले पर यूपी सहित केंद्र सरकार को आईना दिखाया। मायावती ने कहा कि भारत के कृषि प्रधान होने के बावजूद खेती व किसान हित के प्रति सरकारों का काफी कम ध्यान देना हमेशा से ही बड़ी चिन्ता का कारण रहा है। प्रदेश में गन्ना किसानों का बकाया है। सरकार जल्द से जल्द इन बकायों की पूर्ति करने के लिए ठोस कदम उठाए।
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1. कृषि प्रधान होने के बावजूद खेती व किसान हित के प्रति सरकारों द्वारा काफी कम ध्यान देना हमेशा से ही बड़ी चिन्ता का कारण रहा है, किन्तु अब उनके उपज की वाजिब कीमत नहीं मिलना, गन्ना किसानों का भारी बकाया व पशुधन की हानि आदि ग्रामीण भारत को त्रस्त कर रहे हैं। सरकार तुरन्त ध्यान दे।
— Mayawati (@Mayawati) September 22, 2022
बसपा प्रमुख मायावती ने ट्वीट कर लिखा कि कृषि प्रधान होने के बावजूद खेती व किसान हित के प्रति सरकारों द्वारा कम ध्यान देना हमेशा से ही बड़ी चिंता का कारण रहा है। किन्तु अब उनके उपज की वाजिब कीमत नहीं मिलना, गन्ना किसानों का भारी बकाया व पशुधन की हानि आदि ग्रामीण भारत को त्रस्त कर रहे हैं। सरकार को तुरंत ध्यान दें। मायावती ने दूसरे ट्वीट में कहा कि साथ ही, गुजरात, राजस्थान, एमपी से लेकर यूपी तक में ‘लम्पी’ बीमारी के कारण असंख्य घरेलू जानवरों की मौत ने गरीब ग्रामीण भारत को नए संकट में डाल रखा है। पशुधन आत्मनिर्भर ग्रामीण जीवन की रीढ़ है, इसलिए यूपी व अन्य राज्य सरकारें प्रभावित लोगों की समुचित आर्थिक मदद जरूर करें।
इसके साथ ही बसपा प्रमुख ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने भी विधान सभा में स्वीकार किया है कि प्रदेश के गन्ना किसानों का भारी बकाया है। जिसके सम्बंध में सरकार को अपनी जिम्मेदारी को पूरी तरह से निभाते हुए इन बकायों की यथाशीघ्र पूर्ति सुनिश्चित कराने के लिए कड़ा कदम जरूर उठाना चाहिए। बता दें कि मायावती ने इससे पहले उत्तर प्रदेश में प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी पर भी निशना साधा था। मायावती ने कहा कि भाजपा की घोर जातिवादी, साम्प्रदायिक व जनहित-विरोधी नीतियों आदि के विरुद्ध उत्तर प्रदेश की सेक्युलर शक्तियों ने समाजवादी पार्टी को वोट देकर यहां प्रमुख विपक्षी पार्टी तो बना दिया, किन्तु यह पार्टी भाजपा को कड़ी टक्कर देने में विफल साबित होती हुई साफ दिख रही है। ऐसा क्यों है, इस बारे में समाजवादी पार्टी विचार जरूर करे।