महिला मरीज का तांत्रिक ने किया इलाज
महोबा जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड परिसर का है मामला
महिला को बिच्छू ने मारा था डंक
यूपी डेस्क: प्रदेश के पिछड़े जनपद महोबा में आज भी झाड़फूंक से लोग इलाज कराने में विश्वास रखते है। डॉक्टरों से ज्यादा तांत्रिक, ओझाओं और बाबाओं से इलाज कराने के मामले सामने आते रहते है, मगर सबसे अजीब बात तो यह है कि जिला अस्पताल में भी इन तांत्रिकों से मरीज इलाज करा रहे है। ताजा मामला जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड परिसर का है जहां एक महिला मरीज को मंत्र पढ़कर ठीक करने का वीडियो कैमरे में कैद हुआ है।
महिला को बिच्छू ने मारा था डंक
बताया जाता है कि चरखारी कोतवाली क्षेत्र के सालट गांव में रहने वाले परीक्षित की 42 वर्षीय पत्नी ठकुरिया अपने खेत में फसल की थ्रेसिंग करा रही थी तभी उसे एक जहरीले बिच्छू ने डंक मार कर काट लिया जिससे उसकी हालत बिगड़ने लगी। पति और परिवार के लोग उसे इलाज के लिए महोबा जिला अस्पताल लेकर पहुंचे जहां इमरजेंसी वार्ड में तैनात डॉक्टर आरपी सिंह द्वारा बिच्छू के काटने से तड़प रही महिला का प्राथमिक उपचार किया गया लेकिन इलाज के दौरान अचानक महिला को परिवार के लोग वार्ड के बाहर ले आए, जहां पहले से मौजूद लाखन सिंह नामक तांत्रिक ने उसे जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड परिसर में बैठकर इलाज करना शुरू कर दिया।
तांत्रिक ने काटे हुए स्थान पर पेन से कुछ निशान बनाए और मुंह से मंत्रों को गुदगुदाने लगा यह नजारा जिला अस्पताल के परिसर में देख तमाशबीन भी खड़े हो गए। जिस अस्पताल में मौजूद डॉक्टरों से महिला को इलाज मिलना चाहिए था उस महिला मरीज या उसके परिवारों को शायद डॉक्टरों के इलाज पर भरोसा नहीं था, यही वजह है कि तांत्रिक की झाड़-फूंक से इलाज कराया गया।
महिला का तांत्रिक द्वारा इलाज करने का वीडियो कैमरे में भी कैद हुआ है तो वहीं महिला मरीज बताती है कि तांत्रिक की झाड़-फूंक के बाद से उसे थोड़ी राहत है। यहीं नही तांत्रिक भी दावा करता है कि बिच्छू के काटे का असर वह खत्म कर देगा और पूर्व में भी कई मरीजों को ठीक कर चुका है।
महिला का इलाज किया गया: डॉक्टर
इस मामले पर जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में तैनात डॉक्टर आरपी सिंह बताते है कि उनके द्वारा महिला का इलाज किया गया तभी महिला बिना बताए चली गई। भले ही तांत्रिक का दावा मरीजों को ठीक करने का हो लेकिन आज जब हम कंप्यूटर और वैज्ञानिक युग में जी रहे हो ऐसे में झाड़-फूंक से इलाज कराने का मतलब अपनी जिंदगी को दुविधा में डालने जैसा है।